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पुणे पोर्श केस- आरोपी के दादा का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन:भाई से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद में छोटा राजन से मदद मांगी थी

पुणे पोर्श केस- आरोपी के दादा का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन:भाई से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद में छोटा राजन से मदद मांगी थी

पुणे1 घंटे पहले
18 मई की रात नाबालिग आरोपी ने अपनी लग्जरी कार से दो लोगों को टक्कर मारी थी। एक्सीडेंट के बाद लोगों ने नाबालिग और उसके दोस्त को पकड़ लिया और पिटाई की थी।

पुणे में शराब के नशे में पोर्श कार चलाकर दो इंजीनियर्स की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल का अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन निकला है। बताया जा रहा है कि 2021 में सुरेंद्र ने अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ प्रॉपर्टी को लेकर विवाद निपटाने के लिए छोटा राजन से मदद मांगी थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसकी भी जांच होगी।

दूसरी तरफ, पुलिस ने नाबालिग आरोपी से ज्यादा उसके पिता विशाल अग्रवाल पर इल्जाम लगाए हैं। FIR के मुताबिक, रियल एस्टेट डेवलपर विशाल को पता था कि उसका बेटा नाबालिग है। फिर भी उसने बेटे को न सिर्फ 2.50 करोड़ कीमत वाली बिना नंबर प्लेट की पोर्श कार दी, बल्कि पब में शराब पार्टी के लिए अपना क्रेडिट कार्ड भी दिया था।

इस कार्ड से आरोपी ने 90 मिनट में 48 हजार रुपए का बिल चुकाया। कार के ड्राइवर ने आरोपी को गाड़ी देने से मना किया था, लेकिन पिता विशाल के कहने पर उसने गाड़ी दी। 18 मई की रात में आरोपी ने पब से शराब पार्टी के बाद बाइक सवार युवक-युवती को कार से टक्कर मार दी। हादसे में दोनों की मौत हो गई थी।

पिता से इन 4 सवालों के जवाब मांग रही पुलिस…

1. बच्चे को पॉकेट मनी किस रूप में खर्च करने के लिए दी जाती थी? 2. जिस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, वो सड़क पर कैसे उतरी? 3. केस दर्ज होने के बाद विशाल अग्रवाल क्यों फरार हो गया था? 4. विशाल के पास फीचर फोन मिला। स्मार्टफोन कहां है?

जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक बाल सुधार गृह भेजा

ये तस्वीर पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और नशे में कार लेकर निकल गया।

घटना के अगले दिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 75000 रुपए के बॉन्ड और सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा सुनाते हुए नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी। देशभर में इस फैसले का विरोध हुआ। पुणे में लोगों ने हड़ताल की तो महाराष्ट्र सरकार ने बोर्ड से फैसले पर फिर विचार करने को कहा।

बुधवार (22 मई) को बोर्ड ने आरोपी को पूछताछ के लिए फिर बुलाया। यहां पुलिस ने बताया कि अपराध क्रूर तरीके से किया गया। आरोपी 17 साल 8 महीने का है। वह महंगी कार चलाता है। शराब पीता है और उसका व्यवहार बालिग जैसा है। इसलिए इसे भी संज्ञान में लिया जाए। इसके बाद बोर्ड ने जमानत का फैसला रद्द कर आरोपी को 5 जून तक के लिए किशोर सुधार गृह भेज दिया।

3 महीने बाद पता चलेगा बालिग की तरह केस चलेगा या नहीं
पुलिस ने बताया कि बाल सुधार गृह में रहने के दौरान नाबालिग का साइकोलॉजिकल असेसमेंट होगा। कोर्ट में नाबालिग का पक्ष रखने वाले एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि आरोपी पर बालिग की तरह केस चलेगा यह नहीं, इसके फैसले के लिए कम से कम 3 महीने लगेंगे।

वकील ने कहा कि बालिग की तरह केस चलाने के लिए आरोपी के अरेस्ट होने के 1 महीने के अंदर पुलिस को चार्जशीट दायर करनी होती है। इसके बाद 2 महीने तक साइकोलोजिकल और सोशल असेसमेंट होता है। सायकायट्रिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही बोर्ड तय कर सकेगा कि बालिग की तरह केस चलाना है या नहीं।

एडवोकेट पाटिल ने दावा किया कि पुलिस ने बेल कैंसिल करने की बात गलत कही है। नाबालिग की बेल कैंसिल नहीं की हुई है। कोर्ट ने पिछले ऑर्डर में मॉडिफिकेशन किया है। बेल कैंसिल की गई होती तो नाबालिग आरोपी पुलिस कस्टडी में होता, लेकिन उसे बाल सुधार गृह भेजा गया है।

अब तक आरोपी के पिता सहित 5 लोग गिरफ्तार पुणे पुलिस ने आरोपी युवक के पिता बिल्डर विशाल अग्रवाल को मंगलवार (21 मई) को गिरफ्तार किया था। उसे बुधवार (22 मई) को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। कोर्ट से ले जाने के दौरान कुछ लोगों ने पुलिस वैन पर स्याही फेंकी और नारेबाजी की।

पुलिस ने अब तक आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन अन्य 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें पुणे के कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर शामिल हैं। इन पर नाबालिग आरोपी को शराब परोसने का आरोप है।

प्रह्लाद भूतड़ा, सचिन काटकर और संदीप सांगले को 21 मई को कोर्ट में पेश किया गया था। तीनों को 24 मई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। कोजी रेस्टोरेंट और ब्लैक क्लब होटल को सील कर दिया गया है।

आरोपी के पिता ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कई कारें बदलीं
बेटे के एक्सीडेंट की खबर सुनने के बाद बिल्डर विशाल अग्रवाल ने पुलिस से बचने के लिए भागने का प्लान बना लिया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए अपनी कार में घर से निकला और ड्राइवर से मुंबई चलने के लिए कहा। उन्होंने दूसरे ड्राइवर को अपनी दूसरी कार से गोवा जाने के लिए कहा।

विशाल मुंबई जाने के दौरान बीच रास्ते में कार से उतर गया। इसके बाद उसने छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) जाने के लिए एक दोस्त की कार का इस्तेमाल किया। पुलिस के मुताबिक, विशाल अग्रवाल ने गुमराह करने के लिए ही कई कारों का इस्तेमाल किया। उसने एक नए सिम कार्ड का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया था, ताकि उसका नंबर ट्रैक न हो सके।

जब पुलिस को जानकारी मिली कि वह अपने दोस्त की कार में है, तो उन्होंने GPS के जरिए गाड़ी को ट्रैक करना शुरू कर दिया। पुणे क्राइम ब्रांच की एक टीम ने CCTV कैमरों के फुटेज का उपयोग करके विशाल अग्रवाल की पहचान की। आखिरकार, 21 मई की रात संभाजीनगर के एक लॉज में छापेमारी कर पुलिस ने विशाल और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस वैन पर कुछ लोगों ने स्याही फेंकी। कोर्ट ने विशाल को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

2.44 करोड़ की कार, 1758 रुपए के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ
RTO के अधिकारी संजीव भोर के मुताबिक, आरोपी के पिता ने इलेक्ट्रिक लग्जरी स्पोर्ट्स सेडान पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर से 2.44 करोड़ रुपए में खरीदी थी। डीलर ने टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन के बाद यह कार विशाल को सौंप दी। यह 18 मार्च 2024 से 17 सितंबर 2024 तक वैलिड है।

कार ओनर 18 अप्रैल 2024 को पुणे के RTO ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए आया था। जांच और सभी प्रक्रिया उसी दिन पूरी कर दी गई थी, लेकिन 1758 रुपए नहीं चुकाने के कारण कार का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया गया।

भोर ने बताया कि अधिनियम के मुताबिक अगर किसी नाबालिग से कोई हादसा होता है तो उसे 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सकता। फ्लाइंग स्क्वॉड को निर्देश दिया गया है कि शहर में बिना नंबर की गाड़ियों को फौरन जब्त किया जाए।

घटनास्थल पर लगे CCTV में तेज रफ्तार से गुजरती हुई पोर्श दिखाई दे रही है।

दोनों मृतक मध्य प्रदेश के रहने वाले, घरवाले बोले- यह हादसा नहीं, हत्या
चश्मदीदों के मुताबिक, घटना के दौरान नाबालिग आरोपी शराब के नशे में करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था। उसने रात करीब 2 बजे कल्याणीनगर में बाइक सवार IT इंजीनियर्स को पीछे से टक्कर मारी थी। कार का एयरबैग खुलने की वजह से वह आगे नहीं देख पा रहा था। इसके बाद आरोपी को मजबूरन कार रोकनी पड़ी। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया।

हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। दोनों एक पार्टी से लौट रहे थे। लोगों ने बताया कि कार की टक्कर से बाइक सवार लड़की हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर आ गिरी थी और युवक पास खड़ी दूसरी कार से जा टकराया था।

एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले युवक अनीश अवधिया मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बीरसिंहपुर और युवती अश्विनी कोष्टा जबलपुर की रहने वाली थी। एक की डेड बॉडी 20 मई और दूसरे की 21 मई को उनके घर पहुंची। अनीश के चाचा अखिलेश अवधिया ने कहा- यह हादसा नहीं हत्या है। आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी।

अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले। मेरी बेटी ने अपनी पढ़ाई पुणे में पूरी की और उसे वहीं नौकरी मिल गई थी। भाई समरप्रीत ने बताया कि अश्विनी पुणे में 6 साल से थी, जनवरी में ही उसने 24वां जन्मदिन मनाया था।

कार से टक्कर के बाद अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी।

पुणे एक्सीडेंट केस से जुड़े बयान

  • महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने घटना को लेकर मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के साथ पुणे में बैठक की। उन्होंने कहा- पुलिस ने जुवेनाइल बोर्ड को दिए एप्लिकेशन में आरोपी की उम्र 17 साल 8 महीने बताई है। उसके खिलाफ वयस्क की तरह पेश आने का निवेदन किया गया है।
  • कांग्रेस विधायक का आरोप- आरोपी को थाने में पिज्जा परोसा गया: कांग्रेस विधायक रवींद्र धांगेकर ने आरोप लगाया है कि नाबालिग को हिरासत में लेने के बाद थाने में उसे पिज्जा-बर्गर परोसा गया। घटना के 11 घंटे बाद भी उनका ब्लड सैंपल नहीं लिया गया था। धांगेकर ने यह भी आरोप लगाया कि हादसे के बाद यरवदा पुलिस स्टेशन में करोड़ों का लेन-देन हुआ।
  • पुलिस कमिश्नर बोले- पीड़ितों को न्याय मिलेगा: पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार बोले कि पुलिस ने इस दुर्घटना के बाद सख्त एक्शन लिया है। कार्रवाई न करने के आरोप बेबुनियाद हैं। अगर किसी के पास इस बारे में कोई सुझाव है, तो वह हमारे पास आ सकता है। मैं ऑनलाइन बहस के लिए भी तैयार हूं।
  • NCPCR चेयरपर्सन बोले- नाबालिग की पहचान उजागर न करें: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने मीडिया से पुणे एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसा करना जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अपराध है। यह एक्ट नाबालिग अपराधियों की पहचान उजागर करने पर रोक लगाता है।
  • संजय राउत बोले- पुलिस कमिश्नर आरोपी को बचा रहा, उसे सस्पेंड करें: शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि पुलिस कमिश्नर आरोपी को बचा रहा। उसे सस्पेंड करें। आरोपी शराबी है, उसे जमानत मिल जाती है। मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव आती है। कौन उसकी मदद कर रहा है। उसे सस्पेंड करो नहीं तो पुणे की जनता सड़कों पर उतरेगी।

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