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पटनायक के करीबी वीके पांडियन का सक्रिय राजनीति से संन्यास:कहा- मेरे खिलाफ चलाए गए प्रचार अभियान ने BJD को हार दिलाई, इसके लिए माफी

पटनायक के करीबी वीके पांडियन का सक्रिय राजनीति से संन्यास:कहा- मेरे खिलाफ चलाए गए प्रचार अभियान ने BJD को हार दिलाई, इसके लिए माफी

भुवनेश्वर4 घंटे पहले
वीके पांडियन ने साल 2012 में ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक का ऑफिस जॉइन किया था।

ओड‍िशा के पूर्व मुख्‍यमंत्री BJD चीफ नवीन पटनायक के करीबी और BJD नेता वीके पांडियन ने एक्टिव पॉलिटिक्‍स से संन्‍यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने रविवार को वीडियो जारी करते हुए संन्यास का ऐलान किया।

वीडियो में उन्होंने कहा, ”… मैंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला किया है। अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है। यदि मेरे खिलाफ चले अभियान के कारण BJD की हार हुई है तो मुझे खेद है।”

ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 78 सीटें जीतकर पांच बार के सीएम पटनायक को सत्ता से बाहर किया है। बीजेडी को केवल 51 सीटें मिली हैं।

पार्टी की हार की वजह पांडियन को बताया जा रहा था। पार्टी में उनके दबदबे की चलते स्थानीय नेता नाराज चल रहे थे। सीनियर लीडर्स भी पांडियन को लेकर खुश नहीं थे। वहीं, पांडियन को पटनायक का उत्तराधिकारी भी कहा जा रहा था।

तमिलनाडु में जन्मे वीके पांडियन को भाजपा ओडिशा की राजनीति में ‘बाहरी’ कहती रही है। पांडियन ने दिल्ली में अपनी पढ़ाई की थी। उन्होंने पंजाब कैडर के IAS अधिकारी के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। बाद में उड़िया महिला से शादी करने के बाद ओडिशा कैडर में ट्रांसफर ले लिया था।

4.27 सेकेंड के वीडियो में पांडियन ने क्या कहा
पांडियन ने शेयर किए 4.27 मिनट के वीडियो में कहा, ”मैं एक बहुत ही साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आता हूं। बचपन से ही मेरा सपना IAS में शामिल होकर लोगों की सेवा करना था। भगवान जगन्नाथ ने इसे पूरा किया। केंद्रपाड़ा से अपने परिवार की वजह से मैं ओडिशा आया। जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और स्नेह मिला है। धर्मगढ़ से लेकर राउरकेला, मयूरभंज से लेकर गंजम तक मैंने लोगों के लिए बहुत मेहनत की है।”

पांडियन ने आगे कहा कि 12 साल पहले मैं सीएम कार्यालय में शामिल हुआ था। नवीन पटनायक के साथ काम करना सम्मान की बात थी। उनसे मुझे जो अनुभव और सीख मिली। वह जीवन भर के लिए है। उनकी कृपा, नेतृत्व, नैतिकता और सबसे बढ़कर ओडिशा के लोगों के प्रति उनके प्यार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया।

उनकी मुझसे अपेक्षा थी कि मैं ओडिशा के लिए उनके विजन को लागू करूं और हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, खेल, निवेश, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे और मंदिर और विरासत परियोजनाओं में कई मील के पत्थर सफलतापूर्वक पार किए। हमने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को तैयार करने के लिए 30 जिलों की यात्रा की।

पांडियन ने आगे कहा कि युवाओं, स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए काम करने से मुझे बहुत संतुष्टि मिली। कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने की मेरी अपनी बचपन की यादों ने मुझे 5T के तहत स्कूल परिवर्तन के लिए माननीय सीएम के विजन को लागू करने में मदद की।

पटनायक की सहायता के लिए BJD में शामिल हुआ
पांडियन ने कहा कि हमने (पटनायक और पांडियन) ने दो सुपर साइक्लोन का सामना किया। लोगों को जान बचाने के लिए कड़ी मेहनत की। मैंने VRS लेते हुए IAS छोड़ा। मेंटर नवीन पटनायक की सहायता के लिए BJD में शामिल हो गया। मैं केवल पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था। मुझे किसी पोस्ट या पावर की इच्छा नहीं थी। मेरा एकमात्र उद्देश्य पटनायक की मदद करना था, जैसा कि कोई भी अपने मेंटर या परिवार के लिए करता है।

पांडियन ने यह भी कहा कि मैं कुछ नैरेटिव और परसेप्शन को स्पष्ट करना चाहता हूं। शायद ये मेरी कमियां रहीं कि मैं सही समय पर कुछ पॉलिटिकल नैरेटिव का सही ढंग से मुकाबला नहीं कर पाया। मैं फिर कहता हूं कि मैं नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था।

इसलिए मैं न तो उम्मीदवार था और न ही BJD में किसी पद पर था। मैंने पिछले 12 साल से सुबह से लेकर रात तक नवीन पटनायक और ओडिशा को ध्यान में रखकर ही काम किया। मैं ओडिशा के लोगों और BJD नेताओं से माफी मांगता हूं। मेरे कारण पार्टी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव हार गई।

वीके पांडियन ने ओडिशा सरकार के बड़े प्रोजेक्ट संभाले

  • पूर्व CM पटनायक के निजी सचिव रहे IAS वीके पांडियन को रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। उन्होंने VRS (वॉलेंट्री रिटायरमेंट) लिया था। कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5टी इनीशिएटिव का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
  • ओडिशा में 5T इनीशिएटिव शुरू करने का आइडिया पांडियन का ही था। इसके तहत राज्य में सभी सरकारी विभागों में एडमिनिस्ट्रेशन को दुरुस्त रखना था। 5T इनिशिएटिव यानी ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्क, टेक्नोलॉजी, टाइम और ट्रांसफॉर्मेशन हैं।
  • राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रम और परियोजनाएं 5टी के अंतर्गत आती हैं, जिसका ओडिशा सरकार के लगभग हर विभाग में प्रभाव है। पांडियन ने श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर, श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना जैसे ओडिशा सरकार के मेगा प्रोजेक्ट्स में भी बड़ी भूमिका निभाई।
  • मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 17 जनवरी को जगन्नाथ मंदिर के गजपति दिव्यसिंह देव के साथ इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत जगन्नाथ मंदिर की बाहरी दीवार के चारों ओर 75 मीटर का एक गलियारा बनाया गया है।
  • श्रीमंदिर के साथ-साथ पांडियन ने राज्य में प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों के रेनोवेशन एंड रेस्टोरेशन की ओडिशा सरकार की पहल की भी निगरानी की थी।
  • वीके पांडियन को ओडिशा में ‘मो सरकार’ को लॉन्च करने के लिए भी जाना जाता है। इस पहल को राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों के साथ-साथ 21 जिला मुख्यालय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में 2 अक्टूबर 2019 को लॉन्च किया गया था। इसका मकसद सरकारी ऑफिसों में आने वाले लोगों की सम्मान के साथ मदद करना है।

पांडियन 2000 बैच के पंजाब कैडर के IAS अधिकारी, 2011 से पटनायक के साथ

पटनायक ने खुद खारिज की थी पांडियन के उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी की बात
पटनायक 77 साल के हैं। बढ़ती उम्र के कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी हैं। उनकी शादी नहीं हुई है। BJD में कोई भी नेता नहीं है, जो उन्हें रिप्लेस कर सके। वीके पांडियन पर आरोप था कि ओडिशा में बीते कुछ समय से वे ही सरकार चला रहे थे। उन्हें नवीन का उत्तराधिकारी कहा जा रहा था।

इस पर 8 जून को ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और BJD अध्यक्ष नवीन पटनायक ने विधानसभा चुनाव में हार को लेकर पहली बार बात की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी हार के लिए वीके पांडियन की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

पांडियन ने IAS पद से इस्तीफा देकर BJD जॉइन की और पार्टी के लिए बिना किसी स्वार्थ के काम किया। उन्होंने पार्टी में कोई भी पद नहीं लिया। कहीं से चुनाव भी नहीं लड़ा। एक ऑफिसर के रूप में उन्होंने 10 साल तक बहुत अच्छा काम किया।

साइक्लोन और कोरोना काल में पांडियन का काम सराहनीय था। वे ईमानदार व्यक्ति हैं। उन्हें उनकी ईमानदारी के लिए हमेशा याद रखा जाना चाहिए। हालांकि, जहां तक उत्तराधिकारी का सवाल है, मैंने पहले भी कहा था कि वे उत्तराधिकारी नहीं है। इसका फैसला जनता करेगी। पूरी खबर पढ़ें….

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