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मणिपुर में CM के काफिले पर हमला, दो सुरक्षाकर्मी घायल:मुख्यमंत्री काफिले में नहीं थे, बोले- यह राज्य की जनता पर हमला है

मणिपुर में CM के काफिले पर हमला, दो सुरक्षाकर्मी घायल:मुख्यमंत्री काफिले में नहीं थे, बोले- यह राज्य की जनता पर हमला है

इंफाल23 मिनट पहले
CM का सुरक्षा दस्ता हिंसा प्रभावित जिरिबाम में सीएम की सभा से पहले तैयारियों का जायजा लेने जा रहा था।

मणिपुर के जिरिबाम में उग्रवादियों ने मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह के सुरक्षा दस्ते पर हमला किया। यह सुरक्षा दस्ता हिंसा प्रभावित जिरिबाम में सीएम की सभा से पहले तैयारियों का जायजा लेने जा रहा था। जब सुरक्षा काफिला कोटलेन पहुंचा तो उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें ड्राइवर समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए। हमले के वक्त मुख्यमंत्री काफिले में नहीं थे।

इस हमले को बीरेन सिंह ने निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि यह हमला राज्य के लोगों पर हमला है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री पर किया गया हमला राज्य की जनता पर किया गया हमला है। इसलिए राज्य सरकार को एक्शन लेना होगा। मैं अपने सभी साथियों से सलाह लेने के बाद कोई फैसला लूंगा।

एन बीरेन सिंह ने हमले में घायल सुरक्षाकर्मियों से अस्पताल जाकर मुलाकात की।
सीएम के काफिले की गाड़ी पर गोली का निशान। उग्रवादियों ने काफिले पर गोलियां चलाई थीं।

जिरिबाम में 6 जून को बुजुर्ग की हत्या के बाद भड़की हिंसा
मणिपुर के जिरिबाम जिले में 6 जून की शाम को मैतेई बुजुर्ग की हत्या के विरोध में इलाके में हिंसा भड़क गई। मृतक की पहचान 59 साल के सोइबाम सरतकुमार सिंह के तौर पर हुई है। वह गुरुवार सुबह अपने खेत के लिए निकले थे, बाद में उनकी डेडबॉडी मिली जिसपर किसी धारदार हथियार से घाव किए गए थे।

इस घटना के बाद गुस्साए गांववालों ने जिरिबाम पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि चुनाव से पहले उनसे जो लाइसेंस वाले हथियार लिए गए थे, वे उन्हें लौटा दिए जाएं। जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने इंफाल में मौजूद स्टेट पुलिस कमांडो अधिकारियों को शनिवार को जिरिबाम पहुंचने का निर्देश दिया है।

हिंसा के चलते 200 से ज्यादा मैतेई लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। कई गांव वाले अब जिरि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जिरि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे लोगों के गांव वाले घरों को उग्रवादियों ने जला दिया था। मैतेई बुजुर्ग की हत्या और लोगों के घरों में आग लगाने के पीछे कुकी उग्रवादियों का नाम आ रहा है।

जिरिबाम में घर छोड़कर निकले कई मैतेई लोग जंगलों में छिपकर बैठे हैं।

हिंसा से अछूता था जिरिबाम
3 मई 2023 से मणिपुर की इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी समेत विविध जातीय संरचना वाला जिरिबाम अब तक जातीय संघर्ष से अछूता रहा था।

मणिपुर में 67 हजार लोग विस्थापित हुए
जिनेवा के इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि साल 2023 में साउथ एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। इनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोग मणिपुर हिंसा के कारण विस्थापित हुए थे। रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में साल 2018 के बाद हिंसा के कारण पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन देखने को मिला।

मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति (ST) में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। इसके बाद कुकी समुदाय ने राज्य के पहाड़ी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

3 मई 2023 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। जो देखते ही देखते पूर्वी-पश्चिमी इंफाल, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल और कांगपोकपी समेत अन्य जिलों में फैल गए थे।

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