गुना पुलिस की कस्टडी में हुई पारदी युवक की मौत पर कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा हुआ। पारदी समाज की कुछ महिलाएं और परिजन मंगलवार 16 जुलाई को कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह से मुलाकात की। इसके बाद महिलाएं बाहर आकर हंगामा करने लगीं। कुछ महिलाओं ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए।
पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी में महिलाओं की चूड़ियां टूट गईं। एक महिला के सिर से खून निकलने लगा। कैंट थाने के टीआई दिलीप राजौरिया को भी खरोंचें आईं। कलेक्टर ने कुछ महिलाओं को दोबारा बुलाकर उनकी बात सुनी। इसके बाद हंगामा शांत हो सका।
महिलाएं बोलीं- पुलिस झूठी, युवक को पीटा इसलिए गई जान
महिलाओं ने कहा, ‘यह झूठ बोला जा रहा है कि देवा पारदी (25) की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई। इतनी कम उम्र के लड़के को अटैक कैसे आ सकता है? पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। उसके चाचा के साथ भी मारपीट की गई है।’ महिलाओं की मांग है कि देवा के चाचा गंगाराम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
बारात रवाना होनी थी, इससे पहले पुलिस पकड़कर ले गई
गुना जिले की झांगर चौकी पुलिस ने देवा पारदी और उसके चाचा गंगाराम पारदी को 14 जुलाई को शाम 4.30 बजे पकड़ा था। इसी दिन देवा की बारात गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क में जानी थी। रात में परिवार को देवा की मौत की सूचना मिली। मिनी ट्रक में भरकर महिलाएं जिला अस्पताल पहुंच गईं।
देवा की दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। चाची सूरजबाई ने खुद को आग लगा ली। दूसरे दिन सोमवार को भी परिवार के लोग पोस्टमॉर्टम भोपाल में कराने की मांग पर अड़ गए। मजिस्ट्रियल जांच के भरोसे पर वे माने।
पुलिस का दावा- सीने में दर्द उठने के बाद हुई मौत
एडिशनल एसपी मान सिंह ठाकुर ने बताया था, ‘म्याना इलाके के भिड़रा गांव में हुई चोरी के संबंध में पूछताछ के लिए देवा पारदी और गंगाराम पारदी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। दोनों को चोरी हुए सामान की रिकवरी के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान देवा के सीने में दर्द उठा। उसे म्याना के अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल लाया गया। यहां 45 मिनट तक उसका इलाज चला। सीपीआर भी दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।’
देवा पारदी पर अलग-अलग थानों में 7 केस दर्ज हैं।
हंगामे की तस्वीरें…