बेंगलुरु में मंगलवार (16 जुलाई) को एक बुजुर्ग किसान को मॉल के अंदर घुसने से रोक दिया गया था। अब इस मामले में मॉल के मालिक और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दरअसल बुजुर्ग किसान ने धोती पहन रखी थी। गार्ड्स ने कथित तौर पर उन्हें पैंट पहनकर आने के लिए कहा था।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दिखाई दे रहा है कि किसान अपने बेटे के साथ जीटी मॉल में एंट्री ले रहा था, उसी वक्त सुरक्षा गार्ड्स ने उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद मैनेजमेंट ने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि धोती पहने किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
किसान यूनियन ने मैनेजमेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
इस घटना के बाद किसान संगठनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने मॉल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी मॉल के सिक्योरिटी गार्ड्स और मैनेजमेंट की आलोचना की। इसके बाद मैनेजमेंट ने बुजुर्ग से माफी मांगी और उन्हें सम्मानित किया।
हालांकि किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताया है। किसान नेता कुरुबुरू शांताकुमार ने मॉल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर पुलिस उचित कार्रवाई नहीं करती है तो वे अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भाजपा ने कर्नाटक सरकार को घेरा
भाजपा ने इस घटना को लेकर कांग्रेस की कर्नाटक सरकार पर हमला बोला है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर शेयर करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कर्नाटक में किसानों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और उन्हें अपमानित किया जा रहा है।
पूनावाला ने कहा, ‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में किसानों को धोती पहनने के लिए अपमानित किया जा रहा है। मॉल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कर्नाटक के सीएम धोती पहनते हैं। धोती हमारी शान है। क्या किसानों को मॉल में टक्सीडो पहनना चाहिए? कर्नाटक कांग्रेस इसकी अनुमति कैसे दे रही है? कांग्रेस सबसे बड़ी किसान विरोधी है। राहुल बाबा कहां हैं? क्या यही है किसानों के साथ न्याय है?’
कर्नाटक कांग्रेस के विधायक एनए हैरिस ने इस घटना पर अस्वीकार्य बताया और कहा कि वह राज्य सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। धोती हमारा पारंपरिक परिधान है।
इसी साल किसान को मेट्रो में एंट्री से रोका गया था
इसी साल फरवरी में बेंगलुरु मेट्रो में एक किसाब को उसके गंदे कपड़े होने की वजह से घुसने से मना कर दिया गया था। जिसकी वीडियो भी वायरल होने के बाद घटना की आलोचना की गई। इसके बाद मामलें को खुद संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने BMRCL और कर्नाटक सरकार को कार्रवाई करने के लिए नोटिस दिया था।