VHP अध्यक्ष बोले- जनसंख्या घुसपैठ से बढ़ रही:हिंदुओं को 3 बच्चे पैदा करने चाहिए; दुकानों पर नाम लिखने का प्रावधान मनमोहन सरकार लाई थी
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा- हिंदुओं को 2 से 3 बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा- जनसंख्या वृद्धि बच्चे पैदा करने से नहीं, बल्कि घुसपैठ के कारण हो रही है।
आलोक कुमार ने उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की दुकान के बाहर संचालक का नाम लिखे जाने की पैरवी की। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार नहीं, बल्कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने 2011 में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट में बदलाव करते हुए संचालक का नाम लिखने का आदेश दिया था। आलोक कुमार ने मंदिरों में अंग्रेजी बोलने वाले पुजारियों के लिए इंस्टीट्यूट शुरू करने की बात भी कही।
आलोक कुमार रविवार (28 जुलाई) को जोधपुर में आयोजित VHP के केंद्रीय अधिवेशन में शामिल हुए थे। माहेश्वरी भवन में ही केंद्रीय प्रबंध समिति की 2 दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी।
घर में दो-तीन बच्चे अच्छे, इसके लिए लोगों को समझाएंगे- आलोक
मीडिया से बातचीत में आलोक कुमार ने कहा- चीन ने एक नियम बनाया है। इसमें एक ही बच्चा रखने की बात कही गई है। इससे बच्चों की जनसंख्या घटने लगी है। ऐसे में बुजुर्गों की संख्या बढ़ जाती है।
दुनिया की रिसर्च कहती है कि एक बच्चा अहंकारी हो जाता है। उसे किसी से मिलना-जुलना अच्छा नहीं लगता। इसलिए हमारा मानना है कि दो या तीन बच्चे ही घर में अच्छे होते हैं। हम उसके लिए प्रयत्न भी करेंगे, लोगों को समझाएंगे भी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या का असंतुलन केवल बच्चे पैदा करने के रेट्स में बढ़त की वजह से ही नहीं हो रहा है। वो धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण भी हो रहा है।
‘ममता का बयान राष्ट्र की सुरक्षा के लिए घातक’
आलोक कुमार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा- मुझे इस बात की बहुत चिंता है कि कैसे एक मुख्यमंत्री कह सकती है कि मैं बांग्लादेश से आने वाले सब लोगों का स्वागत करूंगी। ऐसा जो पब्लिक स्टेटमेंट उन्होंने दिया है, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए घातक है। बंगाल को छोड़कर बाकी राज्यों में घुसपैठ बंद हुई है। धर्मांतरण रोकने को लेकर विश्व हिंदू परिषद के प्रयास सफल हुए हैं। खासतौर पर मुस्लिम धर्मांतरण को रोक पाए हैं। इसमें अगर ठीक जनसंख्या नीति और कानून आ गया तो आबादी के असंतुलन का खतरा टल जाएगा।
21 जुलाई को अपने बयान में ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच वहां से आए लोगों को शरण देने को तैयार है।
‘ईसा मसीह की भस्म पैरासिटामोल का पाउडर’
विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा- लालच, धोखे और भय से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। तुम्हारे बच्चे को फ्री में स्कूल एजुकेशन देंगे या तुम्हारे पिता का फ्री में इलाज करवाएंगे, यह लालच है। ईसा मसीह की भस्म देते हैं, जो पैरासिटामोल का पाउडर होता है। लालच, भय और धोखे से होने वाला धर्मांतरण अंतरात्मा की आवाज से नहीं होता।
नाम लिखने का प्रावधान मनमोहन सरकार लाई थी
आलोक कुमार ने UP में कांवड़ यात्रा को लेकर चल रहे विवाद पर कहा- मैंने इसके लिए पहले ही सरकार को बताया था कि जहां से कांवड़ यात्रा निकलती है, वहां खाने-पीने की दुकानों, होटल, रेस्टोरेंट पर संचालक का नाम लिखा होना चाहिए। कर्मचारियों का नाम, खाना किस तरह का है, ये डिस्प्ले करें। हमारी मांग सरकारों ने मानी।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग इसलिए भी उचित है, क्योंकि एक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट है, जिसे तत्कालीन कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने बनाया था। नियमों में 2011 में बदलाव किया गया था। 2011 के बदलाव में ये प्रावधान किया गया था कि जो भी खाने-पीने का सामान बेचते हैं, उनको अपना नाम लिखना पड़ेगा। नाम लिखने की जिम्मेदारी GST एक्ट, शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में भी है। इसलिए हम कोई ऐसी चीज नहीं मांग रहे कि जो पहली बार हो रही है। हम वही मांग रहे हैं, जो पिछली सरकार ने निर्णय किया था।
सब कानून में इसका प्रावधान है, इसलिए हमने मांग की थी कि फल-सब्जी के ठेलों से लेकर रेस्टोरेंट, होटल में संचालक और कर्मचारियों के नाम लिखे जाएं। सरकारों ने वो रूल लागू किया। कुछ लोग अपनी दुकान का नाम हिंदू देवी-देवताओं पर रखते हैं, लेकिन जब रजिस्ट्रेशन चेक करते हैं तो दुकान मुस्लिम की होती है। हम इस कानून और इस आदेश के साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे दिया है, लेकिन हमको विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट में इसके गुण-दोष के आधार पर निर्णय होगा तो वह हमारे पक्ष में होगा।
‘शरणार्थियों को ढूंढकर नागरिकता दिलवाएंगे’
आलोक कुमार ने कहा- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार जहां-जहां से हिंदू आए हैं, उन लोगों के लिए हमने परमानेंट कैंप लगाया है। आने वाले दो महीने में प्रत्येक शरणार्थी को ढूंढकर, उनके कागज पूरे करवाकर नागरिकता दिलाने का काम करेंगे। ये संख्या एक करोड़ से अधिक हो सकती है। ये लोग शरणार्थी न रहकर आत्मसम्मान के साथ जी सकें, इसके लिए देशभर के कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार से भारत की नागरिकता देने के लिए आने वाले शरणार्थियों के नियमों में सरलता लाने के लिए भी मांग की है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में न्यूनतम डॉक्यूमेंट्स के साथ शरण लेने के लिए आने वाले हिंदुओं को नागरिकता मिल सकेगी।
‘अंग्रेजी बोलने वाले पुजारी तैयार करेंगे’
VHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा- मांग उठी है कि हमारे मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए ट्रेंड पुजारी हों। उन्हें मंत्रों के उच्चारण के साथ ही कंप्यूटर और अंग्रेजी का भी ज्ञान हो। इस पर हमने इस साल से 2 इंस्टीट्यूट शुरू करने का निर्णय किया है। इनमें पूरे समाज से सभी वर्गों-जातियों से जो कोई भी आना चाहे, उसे धर्म शास्त्रों की शिक्षा, पूजा की विधि-मंत्र ये सब सिखाए जाएंगे।
इसके लिए महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और हरियाणा में सबसे पहले आने वाले तीन से चार महीने में दो इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे। कोई फीस नहीं रखी गई है। इनमें पुजारी और घरों में कर्मकांड करवाने वाले पंडित से लेकर इस फील्ड में जाने की चाह रखने वाले भी शामिल हो सकेंगे। इसके लिए किसी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक साल का कोर्स करवाएंगे। इससे दूसरे देशों के मंदिरों में भी योग्य पुजारी भेज सकेंगे।
विहिप की स्थापना के 29 अगस्त को 60 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस पर आलोक कुमार ने कहा- देश के 9 हजार प्रखंड में हिंदू सम्मेलन करेंगे। इससे हिंदू समाज को दोबारा विहिप के नजदीक आने का मौका मिलेगा। देश भर में राजनीति में हिंदुत्व सेंटर स्टेज पर आया है। राम मंदिर भी बना है।