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छत्तीसगढ़ में 150 मिनी-स्टील प्लांट आज रात से बंद:कारोबारी बोले- बढ़ी हुई बिजली दर से उद्योग चलाना मुश्किल; 2 लाख लोगों पर पड़ेगा असर

छत्तीसगढ़ में 150 मिनी-स्टील प्लांट आज रात से बंद:कारोबारी बोले- बढ़ी हुई बिजली दर से उद्योग चलाना मुश्किल; 2 लाख लोगों पर पड़ेगा असर

रायपुर3 मिनट पहले
छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे 150 मिनी स्टील प्लांट आज रात से बंद हो जाएंगे। प्रदेश में बढ़े हुए बिजली दर के विरोध में कारोबारी यह कदम उठा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे 150 मिनी स्टील प्लांट आज रात से बंद हो जाएंगे। प्रदेश में बढ़ी हुई बिजली दर के विरोध में कारोबारी यह कदम उठा रहे हैं। उद्योग से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि बिजली की दरें बढ़ जाने की वजह से उद्योग चलाना मुमकिन नहीं है। इसलिए व्यापार बंद करने का फैसला लिया गया है। करीब 2 लाख लोगों पर इसका असर पड़ेगा।

150 फैक्ट्रियां अनिश्चितकाल के लिए बंद की जा रही हैं। सरकार से राहत मिलने के बाद ही इन्हें दोबारा शुरू किया जाएगा। द प्रदेश के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन से बात की। उन्होंने बताया कि कारोबारियों की मांग के संबंध में मुझे जानकारी मिली थी। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है। मामले में निर्णय वही करेंगे।

मिनी स्टील प्लांट से ही रॉ मटेरियल तैयार होता है।

यह बनता है इन फैक्ट्रियों में

मिनी स्टील प्लांट में स्पंज आयरन से रॉ मटेरियल तैयार किया जाता है, जिससे टीएमटी, रॉड, स्टील बार बनाए जाते हैं। मिनी स्टील प्लांट में स्पंज आयरन से बिलेट बनाए जाते हैं, जिसके बाद मकान बनाने के लिए लगने वाला सरिया, बिजली के खंभे, जैसे प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं।

स्टील उद्योग छत्तीसगढ़ में तीन कड़ियों में चलता है, जिसमें पहले कुछ प्लांट स्पंज आयरन बनाते हैं। स्पंज आयरन से बिलेट बनाया जाता है, जो मिनी स्टील प्लांट में बनते हैं। इसके बाद स्टील प्लांट में लोहे के फाइनल प्रोडक्ट रॉड तैयार होते हैं।

मजदूरों को होगी सबसे बड़ी परेशानी।

2 लाख जिंदगियों पर पड़ेगा असर

150 मिनी स्टील प्लांट बंद होने से इनमें काम करने वाले करीब 2 लाख कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ेगा। उद्योगों से लगभग डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जो ट्रांसपोर्टेशन और दूसरे कामों को करते हैं। उन पर भी उद्योग बंद होने से प्रभाव पड़ेगा। 300-400 रुपए रोजी पर मजदूरी करने वाले कामगारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो सकता है।

एसोसिएशन लिख चुका है पत्र।

अब तक की बातचीत बेनतीजा

छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि हमने सरकार के सभी मंत्री अधिकारियों को उद्योगों की स्थिति से अवगत कराया था। कोई राहत नहीं मिली। अनिल नचरानी ने बताया कि पिछले 20 सालों में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि हमें उद्योग बंद करना पड़ रहा हो।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को भी लिखित में इसकी जानकारी हमने दी की बिजली की बढ़ी हुई दरों से परेशानी हो रही है, लेकिन बात नहीं बनी।

क्या है परेशानी

मिनी स्टील प्लांट को लगभग 25% बढ़ी हुई दर पर बिजली का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ गई है। स्टील इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा बिजली खपत मिनी स्टील प्लांट में ही होती है। फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि बिजली की दर बढ़ जाने से फैक्ट्री के खर्चों को निकाल पाना संभव नहीं हो रहा।

आज शाम अहम बैठक

आयरन मैन्युफैक्चरर्स और स्टील उद्योग से जुड़े कारोबारी की रायपुर के एक होटल में आज शाम एक महत्वपूर्ण बैठक है। इस बैठक में उद्योग बंद होने के बाद की स्थिति को लेकर चर्चा की जाएगी। अलग-अलग टीमों का गठन किया जाएगा जो सरकार से लगातार इस मामले में बातचीत कर बिजली के दर वापस लेने का दबाव बना सकें।

बिजली के रेट की वजह से विवाद।

आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

मिनी स्टील प्लांट बंद होने से एक तरफ जहां 2 लाख से ज्यादा मजदूर और काम कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ेगा, दूसरी तरफ आम आदमी की जेब पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इन उद्योगों से तैयार होने वाला प्रोडक्ट लोगों के मकान बनाने, कंस्ट्रक्शन से जुड़े कामों में उपयोग में आता है।

उद्योग के बंद होने से प्रॉडक्ट्स के रेट बढ़ सकते हैं। मार्केट में सप्लाई पर भी बुरा असर पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ का स्टील उद्योग

मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के मुताबिक राज्य में 850 से ज्यादा स्टील प्लांट है। ओडिशा के बाद देश में दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक छत्तीसगढ़ है। राज्य में बनने वाले स्टील का 15% छत्तीसगढ़ में खपत होता है और 85% राज्य के बाहर बेचा जाता है।

छत्तीसगढ़ का स्टील उद्योग हर साल सरकार को 10000 करोड़ रुपए GST और लगभग 5000 करोड़ रुपए की रॉयल्टी देता है। इस पूरे उद्योग से प्रदेश में 5 लाख लोग सीधे तौर पर जुड़े हैं। लगभग 7 लाख लोग इसकी मार्केटिंग और दूसरे कामों से जुड़े हुए हैं।

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