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मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की सांसदी नहीं जाएगी:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर कोर्ट का फैसला पलटा, 4 साल की सजा रद्द की

मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की सांसदी नहीं जाएगी:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर कोर्ट का फैसला पलटा, 4 साल की सजा रद्द की

प्रयागराज1 घंटे पहले
हाईकोर्ट से अफजाल अंसारी को बड़ी राहत मिली है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा रद्द कर दी है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद दर्ज गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर MP/MLA कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी। इससे अफजाल की सांसदी चली गई थी। अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चैलेंज किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए अंसारी को पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी। अब हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है। बीते गुरुवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।

अफजाल ने कोर्ट से सजा को रद्द करने की मांग की थी, जबकि कृष्णानंद के बेटे पीयूष राय और सरकार ने सजा बढ़ाने की अपील की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

29 तारीख को कृष्णानंद की हत्या, 29 तारीख को अफजाल को सजा और अब इसी तारीख में सजा रद्द, पढ़िए पूरा मामला…

विधायक की हत्या के दो साल बाद लगा था गैंगस्टर एक्ट
2005 में तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी। हत्या के दो साल बाद 2007 में अफजाल और उनके भाई मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर केस लगा था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा हुआ था।

गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार दिया। 4 साल की जेल और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इस सजा के कारण वह लोकसभा से अयोग्य हो गए। उन्हें जेल भेज दिया गया।

इस मामले में उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी को भी 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

हाईकोर्ट से मिली थी जमानत
अफजाल ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी। इसमें कहा था- जब हत्या के केस में मुझे बरी किया जा चुका है तो फिर गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। 24 जुलाई, 2023 को हाईकोर्ट ने अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। करीब तीन महीने बाद अफजाल को जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई। वह भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए, क्योंकि उन्हें दी गई सजा दो साल से अधिक थी।

सुप्रीम कोर्ट से बहाल हुई थी सदस्यता
अफजाल सजा पर रोक लगाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चले गए। 14 दिसंबर, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, जिसकी वजह से उनकी सदस्यता बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी योग्य हो गए।

हालांकि, शर्त रखी गई थी कि जब तक फैसला नहीं हो जाता, वह संसद में वोट नहीं कर सकते न ही भत्ता ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सुनवाई में तेजी लाने और 30 जून तक मामले का फैसला करने का निर्देश दिया था। इसी साल 4 मई से हाईकोर्ट ने नियमित सुनवाई शुरू की थी। चौथे महीने हाईकोर्ट से फैसला आया है।

तीन बार के सांसद और 5 बार के विधायक अफजाल अंसारी
अफजाल अंसारी तीन बार के सांसद और 5 बार के विधायक रहे हैं। पहली बार वह 2004 में सपा के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने थे। अफजाल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर उतरे और गाजीपुर सीट से जीत दर्ज की।

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