बिहार में पुल हादसे, SC ने राज्य-केंद्र से जवाब मांगा:याचिका में स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग, 17 दिन में 11 पुल गिरे थे
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में लगातार पुल गिरने की घटनाओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सोमवार (29 जुलाई) को सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में बिहार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील ब्रजेश सिंह ने दाखिल की है। इसमें बिहार में पुलों की सुरक्षा और मजबूती के बारे में चिंता जताते हुए मांग की गई कि एक हाई लेवल एक्सपर्ट पैनल बनाकर इन पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है। यहां 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 फीसदी जमीन बाढ़ की चपेट में आता है। बिहार में पुल गिरने की ऐसी नियमित घटनाओं से लोगों का जीवन खतरे में है। याचिका में कहा गया है कि पिछले दो सालों में 12 कई पुलों के बनने के दौरान या बनने के फौरन बाद गिरने, ढहने और बहने की घटनाएं सामने आई हैं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अलावा सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और ग्रामीण कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी नोटिस जारी किया।
मालूम हो कि बिहार में बरसात शुरू होते ही 17 दिनों में छोटे-बड़े 11 पुल गिरे थे।
18 जून से 28 जून तक गिरे 5 पुल विजुअल में देखिए
1. अररिया, 18 जून
2. सीवान, 22 जून
3. मोतिहारी, 23 जून
4. किशनगंज, 27 जून