संसद के मानसून सत्र का गुरुवार (1 अगस्त) को नौवां दिन है। लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेनों की सेफ्टी पर बात की। इस पर विपक्ष ने ताजा हादसों पर सवाल पूछा और हंगामा किया।
रेल मंत्री ने कहा- हम रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं। जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहने के 58 सालों में वे 1 किमी दूर भी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) क्यों नहीं लगा पाए। आज वे सवाल उठाने की हिम्मत करते हैं।
जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तो वे दुर्घटनाओं की संख्या बताती थीं कि 0.24 से घटकर 0.19 हो गई, ये लोग सदन में ताली बजाते थे और आज जब यह 0.19 से घटकर 0.3 हो गई है तो वे इस तरह का आरोप लगाते हैं। क्या यह देश ऐसे ही चलेगा?
वैष्णव ने आगे कहा- कांग्रेस सोशल मीडिया की अपनी ट्रोल सेना की मदद से झूठी बातें उठाती है। क्या वे उन 2 करोड़ लोगों के दिलों में डर भरने की कोशिश कर रहे हैं जो हर दिन रेलवे से यात्रा करते हैं?”
असल में शिवसेना (उद्धव गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने 30 जुलाई को कहा था- हम हर दूसरे दिन पढ़ रहे हैं कि ट्रेन डिरेलमेंट हो रहा है। लोगों की जान चली जाती है और उसमें कोई कार्रवाई नहीं की जाती। रेल मंत्री अपने प्रचार में व्यस्त हैं। वे यही सोचते हैं कि कैसे मैं रेल मंत्री की जगह रील मंत्री बन जाऊं। इंस्टाग्राम पर रील पोस्ट करूं और वाहवाही लूटूं। लगता है कि रेलवे का 30% बजट उनके प्रचार में ही जाता है।
संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई को शुरू हुआ और यह 12 अगस्त को खत्म होगा।