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ज्ञानवापी के बाहर हंगामा, नमाज का बहिष्कार:गेट न हटाने पर नमाजी भड़के, पुलिस से नोकझोंक, मुफ्ती ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम

ज्ञानवापी के बाहर हंगामा, नमाज का बहिष्कार:गेट न हटाने पर नमाजी भड़के, पुलिस से नोकझोंक, मुफ्ती ने दिया 7 दिन का अल्टीमेटम

वाराणसी33 मिनट पहले

वाराणसी में सावन की शिवरात्रि और जुमे की नमाज के दिन माहौल गरमा गया। ज्ञानवापी के बाहर 500 से ज्यादा नमाजियों ने हंगामा कर दिया। नमाजियों ने ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने से इनकार कर दिया।

हंगामे की सूचना पर फोर्स मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिसकर्मियों और नमाजियों में नोकझोंक हो गई। इस पर शहर मुफ्ती धरने पर बैठ गए। ज्ञानवापी के भीतर करीब 150 नमाजी पहुंच गए थे, उन्होंने नमाज का बहिष्कार कर दिया।

दरअसल, गुरुवार को प्रशासन काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर-4 से सटाकर ज्ञानवापी के नमाजियों के लिए नया अस्थायी गेट बनवा रहा था। नमाजियों ने नई परंपरा बताकर विरोध किया तो प्रशासन ने गेट बनाने का फैसला वापस ले लिया। हालांकि, गेट की चौखट बन चुकी थी। प्रशासन ने कहा था रात में इसे भी हटवा देंगे।

आज दोपहर नमाजी पहुंचे। देखा तो वहां से चौखट नहीं हटी थी। इस पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। शहर मुफ्ती ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर अगले जुमे (9 अगस्त) तक गेट की चौखट नहीं हटी तो नमाज का बहिष्कार होगा। इसके बाद लोग लौट गए।

हंगामे की तस्वीरें देखिए –

ये तस्वीर काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 की है। इसी गेट पर नमाजी जुटे थे। पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिसकर्मियों और नमाजियों की नोकझोंक हुई। बिना नमाज पढ़े लोग लौट गए।

शहर मुफ्ती बोले- ये प्रशासन की मनमानी

शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा- ज्ञानवापी परिसर में ऑन रिकॉर्ड ये तय है कि यहां कोई भी नया काम होगा, तो वह मस्जिद कमेटी की सहमति से ही होगा। उनको जानकारी देने के बाद उन्हें साथ लेकर ही नया काम होगा।

ये जो मस्जिद के नाम पर गेट लगाया जा रहा है। उसकी मस्जिद कमेटी को न कल (गुरुवार) कोई सूचना थी, ना पहले कुछ बताया गया था। जब वहां तैयारी कर ली गई और गेट लगाने जा रहे थे, तब हमें पता चला। फिर हम लोग यहां आए। उसका विरोध किया गया।

विरोध करने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा- ये मस्जिद और नमाजियों की सुरक्षा के लिए लगाया जा रहा। हम इसे नहीं मानते। हमारा ये मानना है कि ये गेट लगेगा, तो मस्जिद में आने वाले नमाजियों को दिक्कत होगी। नमाजी सही से नमाज नहीं पढ़ पाएंगे।

शहर मुफ्ती ने आरोप लगाया कि जब गेट नहीं लगा है, तब आम दिनों में नमाजियों से छेड़छाड़ की जाती है, तो गेट लगाने के बाद क्या होगा। कौन लेगा इसकी गारंटी? मनमानी होगी कि नमाज कौन पढ़ेगा, कौन नहीं पढ़ेगा। कभी गेट खोलेंगे, कभी गेट नही खोलेंगे।

उन्होंने कहा-सुरक्षा के नाम पर अगर गेट लगा रहे हैं, तो जब-जब सुरक्षा की बात कही गई है, हमने स्वयं आगे आकर प्रशासन का साथ दिया है। लेकिन, सुरक्षा के नाम पर अंदर से कोई और काम किया जाएगा, तो हम उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने इसका विरोध किया।

मौलाना ने बताया कि डीसीपी ज्ञानवापी सुरक्षा ने हमसे कहा कि जब तक आप की सहमति नहीं होगी, कुछ नहीं होगा। जब तक आप नहीं कहेंगे, हम दरवाजा नहीं लगाएंगे। हमने कहा कि लिखित आश्वासन दीजिए तो वो बोले हम सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा-हमारा विरोध आज भी जारी है और जब तक वहां से सब कुछ हट नही जाता, जारी रहेगा। हम अगला फैसला मस्जिद कमेटी की बैठक के बाद लेंगे। फिलहाल, प्रशासन को 9 अगस्त तक चौखट हटाने के लिए कहा गया है।

प्रशासन ने नमाज को समझा बुझाकर शांत कराया है। हालांकि लोगों में नई परंपरा को लेकर गुस्सा है।

कोई भी नया काम करने पर सहमति जरूरी
मुफ्ती ने कहा- ज्ञानवापी क्षेत्र परिसर में कोई नया काम होगा तो इसमें मसाजिद कमेटी, अंजुमन इंतजामिया और मंदिर न्यास की सहमति जरूरी होती है। बिना किसी जानकारी मंदिर प्रशासन की ओर से गेट नंबर चार के पास गेट लगवाया जा रहा था। हमें प्रशासन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन मुस्लिम समुदाय को मस्जिद में जाने देने से रोकने और संख्या को कम करने के लिए ऐसा कर रहा है। अलग गेट लगने के बाद उसमें ताला लगने और बंद किए जाने की संभावना अधिक होगी।

क्या है ज्ञानवापी एंट्री गेट विवाद, इस ग्राफिक्स के समझिए…

शिवसेना कार्यकर्ता गेट नंबर 4 से जाने पर अड़े

पुलिस और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई।

जिस वक्त नमाजी हंगामा कर रहे थे, उसी समय शिवसेना के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंच गए। वे गेट नंबर 4 से ही अंदर जाना चाहते थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। इस पर पुलिस के साथ उनकी धक्का मुक्की हुई। हंगामा शांत होने पर पुलिस अधिकारियों ने शिवसेना कार्यकर्ताओं को अंदर जाने दिया।

सावन, जुमे की नमाज और विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बल की कंपनी अलग से बुलाई गई है।

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