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मणिपुर के जिरिबाम में शांति समझौते के अगले दिन हिंसा:उपद्रवियों ने फायरिंग की, घर फूंका; कुकी-मैतई ने हालात सुधारने का भरोसा दिया था

मणिपुर के जिरिबाम में शांति समझौते के अगले दिन हिंसा:उपद्रवियों ने फायरिंग की, घर फूंका; कुकी-मैतई ने हालात सुधारने का भरोसा दिया था

इम्फाल25 मिनट पहले
तस्वीर 15 जुलाई की है, जब मणिपुर के जिरिबाम जिरिबाम में सेंट्रल फोर्सेज पर हमला हुआ था।

मणिपुर के जिरिबाम में शांति बहाल करने के समझौते के 24 घंटे के भीतर फिर से हिंसा हुई। जिरिबाम के लालपानी गांव में शुक्रवार (2 अगस्त) की रात हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की। एक घर में आग लगा दी। हालांकि, वहां कोई रहता नहीं था।

अधिकारियों ने बताया कि लालपानी में मैतेई लोगों के घर हैं। यहां के अधिकांश लोगों ने जिले में हिंसा भड़कने के बाद घर छोड़ दिया था। उपद्रवियों ने यहां सुरक्षा-व्यवस्था में ढील का फायदा उठाकर हमला किया। हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हुई है।

घटना के बाद सुरक्षाबलों को इलाके में भेजा गया है। मैतेई और कुकी समुदायों ने गुरुवार (1 अगस्त) को असम के कछार से सटे CRPF ग्रुप सेंटर में एक बैठक के बाद शांति समझौता पर हस्ताक्षर किए थे।

दोनों समुदायों ने जिले में स्थिति सामान्य करने, आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने की बात कही थी। दोनों पक्षों ने सुरक्षाबलों को भी पूरा साथ देने का आश्वासन दिया था।

मणिपुर CM बोले- 5 साल में 10 हजार अवैध प्रवासी आए
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि पिछले 5 साल में राज्य में कुल 10,675 घुसपैठिए आए हैं। उन्होंने 12वीं विधानसभा के छठे सेशन में कहा- ये घुसपैठिए म्यांमार, बांग्लादेश, नॉरवे, चीन और नेपाल से आए हैं।

इन 10,675 में से 85 पिछले 5 साल में वापस भेज दिए गए। फिलहाल 143 घुसपैठिए डिटेंशन सेंटर में हैं। इन लोगों के मेंटेनेंस में 85 लाख से ज्यादा खर्चा हो रहा है। अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए सरकार वेरिफिकेशन प्रोग्राम चला रही है।

CM ने कहा कि राज्य में हिंसा भड़कने से पहले ही म्यांमार से 2,480 अवैध अप्रवासी आ गए थे। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग की घोषणा की है। फेंसिंग का काम पहले ही शुरू हो चुका है। पिलर 79 से 81 के बीच 9 किलोमीटर की बॉर्डर फेंसिंग हो भी चुकी है।

जिला पुलिस अप्रवासियों को रोकने के लिए चौबीस घंटे काम कर रही है। बॉर्डर एरिया में 6 पुलिस स्टेशन और 34 पुलिस चौकियां स्थापित करने की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके अलावा बॉर्डर के पास वाले 5 जिलों में सिविल और पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

CM बोले- सरकार शांति स्थापित करने के लिए काम कर रही
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार (1 अगस्त) को विधानसभा में कहा था कि सरकार शांति स्थापित करने के लिए काम कर रही है। इसे लेकर असम के सिलचर में कई बैठकें हो चुकी हैं। जल्द ही इसे लेकर बड़ा ऐलान भी करेंगे।

बीरेन सिंह ने विधानसभा में कहा कि राज्य में पिछले साल मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 226 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, 39 लापता हैं। 11,133 घरों में आग लगाई गई, जिसमें से 4,569 घर पूरी तरह खत्म हो चुके हैं।

हिंसा को लेकर कुल 11,892 केस दर्ज हुए हैं। 59,414 विस्थापित लोग राहत शिविरों में हैं। 5,554 किसानों की जमीन बर्बाद हो गई है। विस्थापितों को 302 राहत कैंप में स्थापित किया गया है।

जून तक हिंसा से अछूता था जिरिबाम
3 मई 2023 से मणिपुर की इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष में 226 लोगों की मौत हो गई है। मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी समेत विविध जातीय संरचना वाला जिरिबाम जून 2024 तक जातीय संघर्ष और हिंसा से अछूता रहा था।

जिरिबाम में हिंसा की 4 घटनाएं…

14 जुलाई: मणिपुर में सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला, CRPF जवान शहीद

मणिपुर के जिरिबाम में सेंट्रल फोर्सेज पर हमला हुआ। CRPF की एक गाड़ी भी हमले में क्षतिग्रस्त हो गई।

जिरिबाम में CRPF और पुलिस टीम के काफिले पर कुकी उग्रवादियों ने 14 जुलाई को हमला कर दिया। इसमें CRPF का एक जवान शहीद हो गया। पुलिस का एक अधिकारी भी घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि मोंगबुंग में कुकी उग्रवादियों ने पहाड़ी इलाके से गोलीबारी की। गोली CRPF जवान अजय कुमार झा के सिर पर लगी। पूरी खबर पढ़ें…

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