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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश:ओवैसी बोले- केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन; रिजिजू बोले- सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर बदलाव किए

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश:ओवैसी बोले- केंद्र सरकार मुसलमानों की दुश्मन; रिजिजू बोले- सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर बदलाव किए

नई दिल्ली9 मिनट पहले
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। उनके बिल पेश करते ही संसद में हंगामा होने लगा। इस बिल का कांग्रेस, सपा, NCP (शरद पवार), AIMIM, TMC, CPI (M), IUML, DMK, RSP ने विरोध किया।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल राव ने कहा- सरकार कम्युनिटीज के बीच में विवाद पैदा करना चाहती है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, इस बिल को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।

किरेज रिजिजू ने कहा- वक्फ एक्ट में पहले भी संशोधन हुए हैं। हम सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बदलाव कर रहे हैं। इस कमेटी को आप (कांग्रेस) ने ही बनाया था।

वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपना नहीं बता सकेगा। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। जमीन पर दावे से पहले उसका वेरिफिकेशन करना होगा। इससे बोर्ड की मनमानी पर रोक लगेगी।

बोर्ड के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।

वक्फ संशोधन बिल के विरोध में किसने-क्या कहा…

  • कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों के लिए खास है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
  • AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। वक्फ प्रॉपर्टी का मतलब मस्जिद और दरगाह की जगह है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को मैंबर बनाएंगे। क्या वे बिलकिस बानो को मैंबर बनाएंगे। यह सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।
  • DMK सांसद कनिमोझी ने कहा, यह आर्टिकल 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रशासन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट कर रहा है।
  • NCP (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, इस बिल को या तो वापस ले लें या इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दें। किसी से सलाह लिए बिना एजेंडा आगे न बढ़ाएं। बिल का ड्राफ्ट सांसदों के पास पहुंचने के पहले मीडिया में पहुंचा। इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि 6 अगस्त को बिल सांसदों के पास भेजा गया था। सांसद पोर्टल चेक करें।
  • कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- वक्फ बोर्ड मस्जिदों को प्रबंधन करता है। आप वक्फ की ताकत खत्म करके डीएम राज लाना चाहते हैं। वक्फ की प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त कराकर यह बिल लाना चाहिए था।
  • सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा- यह बिल सोची समझी राजनीति के तहत पेश हो रहा है। वक्फ में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य नहीं है। अगर आप जिलाधिकारी को ताकत दे देंगे तो गड़बड़ी होगी। भाजपा हताश, निराश और चंद कट्‌टर समर्थकों के तुष्टीकरण के लिए यह बिल ला रही है।
  • TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा- इस बिल के माध्यम से सरकार सिविल कोर्ट के अधिकारों का हनन करना चाहती है। कौन सी प्रॉपर्टी किसकी है, यह तय करना कोर्ट का काम है। इस बिल के माध्यम से सरकार हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ना चाह रही है।

वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में किसने-क्या कहा…

  • जेडीयू सांसद और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा- इस बिल को मुसलमान विरोधी बताने की कोशिश की जा रही है। यह बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। यह बिल मस्जिदों पर लागू करने के लिए नहीं है। एक निरंकुश संस्था को कानून में बांधने के लिए लाया जा रहा है।
  • भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है। वे अच्छी चीजों को भी बुरा बताते हैं। पीएम कई अच्छी योजनाएं लाए हैं लेकिन वे कहते हैं कि ये सभी चीजें गलत हैं।
  • तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद जीएम हरिश बालयोगी ने कहा- यह बिल मुस्लिमों और महिलाओं के हित में है। इसे वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता के लिए लाया गया है।
  • शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा, देश में एक ही कानून चलेगा। आपको अलग कानून की जरूरत क्यों है। ये संविधान के नाम पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल में महिला की भागीदारी भी होगी।

संसद के बीते 13 दिनों की कार्यवाही सिलसिलेवार पढ़ें…

संसद का 13वां दिन: खेलमंत्री मंडाविया बोले- विनेश मामले में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ में विरोध जताया

संसद के मानसून सत्र के 13वें दिन ओलिंपिक से विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाइ करने का मामले खेल मंत्री ने सरकार का पक्ष रखा था। लोकसभा में खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा- विनेश को रेसलिंग के 50 किलोग्राम केटेगिरी में खेलना था। उनका वजन 50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। इसलिए उन्हें अयोग्य करार दिया गया।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध दर्ज किया है। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOF) की अध्यक्ष पीटी ऊषा अभी पेरिस में हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे बात करके उचित एक्शन लेने के लिए कहा था। विनेश मंगलवार 6 अगस्त को 3 मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम केटेगिरी की रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं।

इससे पहले लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने वायनाड त्रासदी का मुद्दा उठाया। राहुल बोले- मैं अपनी बहन प्रियंका के साथ वायनाड गया था। मैंने अपनी आंखों से वहां का दर्द और बर्बादी देखी है। दो किलोमीटर के इलाके में पूरी बर्बादी हुई। 400 से ज्यादा लोग मरे।

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