वायनाड लैंडस्लाइड में 138 लोग अब भी लापता:10वें दिन रेस्क्यू जारी; PM मोदी 10 अगस्त को पीड़ितों से मिलेंगे; राहुल-प्रियंका मिल चुके
केरल के वायनाड में 29 जुलाई की देर रात हुए लैंडस्लाइड में अब भी 138 लोग अब भी लापता हैं। गुरुवार (8 अगस्त) को लगातार 10वें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे में अब तक 413 लोगों की मौत हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (10 अगस्त) को पीड़ितों से मिलने वायनाड जाएंगे। प्रधानमंत्री की स्पेशल फ्लाइट कन्नूर में उतरेगी। कन्नूर से PM हेलिकॉप्टर से लैंडस्लाइड प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद वह रिलीफ कैंप्स में पीड़ितों से मिलेंगे, जहां 10 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं।
मोदी के दौरे को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, कहा जा रहा है कि PM के दौरे के बाद वायनाड लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा (लेवल-3 डिजास्टर) घोषित किया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार (7 अगस्त) को लोकसभा में इसकी मांग की थी।
राहुल-प्रियंका 1 अगस्त को वायनाड गए थे
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी 1 अगस्त को वायनाड पहुंची थीं। यहां उन्होंने 2 दिन तक पीड़ितों से मुलाकात की। साथ ही दिल्ली में वायनाड लैंडस्लाइड का मुद्दा उठाने की बात कही थी।
राहुल ने कहा था कि लैंडस्लाइड में केंद्रीय सहायता बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने वायनाड में पीड़ितों के लिए 100 से ज्यादा घर बनाने की भी घोषणा की थी।
वायनाड में 29-30 जुलाई देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं।
घटनास्थल को मैप से समझें..
पिछले 24 घंटे के अपडेट्स…
- वायनाड लैंडस्लाइड के रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 10वां दिन है। आज फिर से सनराइज वैली में लापता लोगों की तलाश की जाएगी। सर्च ऑपरेशन में डॉग स्क्वाड को भी लगाया गया है।
- चुरलमाला, मुंडकाई, समलीमट्टम में रूटीन सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। तलाशी के लिए पूरे प्रभावित इलाके को छह जोन में बांटा गया है।
- लैंडस्लाइड के बाद से 16 रिलीफ कैंपों में रह रहे 1968 लोगों के लिए किराए के मकान ढूंढने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही उन्हें वहां शिफ्ट किया जाएगा।
- केरल सरकार ने लैंडस्लाइड में लापता 138 लोगों की लिस्ट जारी की है। साथ ही राज्य सरकार ने डिफेंस फोर्सेस से पूछा कि रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक जारी रहेगा।
- वायनाड लैंडस्लाइड में पहले दिन से ही राहत कार्य में जुटी सेना अब रेस्क्यू ऑपरेशन से आंशिक तौर पर अलग हो गई है। राज्य के PWD मिनिस्टर पीए मोहम्मद रियास ने कहा- सेना ने अपना कर्तव्य पूरा किया और सेवा के लिए धन्यवाद। सेना ने रिकॉर्ड समय में बेली ब्रिज बनाया, जिससे मुंडक्कई और चूरलमाला के बीच कनेक्टिविटी बढ़ी।
- राहुल गांधी ने बुधवार (7 अगस्त) को लोकसभा में केंद्र सरकार से वायनाड लैंडस्लाइड को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। उन्होंने पीड़ित लोगों को मिलने वाली मुआवजा राशि भी बढ़ाने की अपील की है।
राहुल बोले- पिता के निधन का दिन याद आया
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वायनाड में प्रभावित लोगों से बात की। चूरलमाला और मेप्पाडी में एक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्चुरी भी पहुंचे। यहां राहत कार्य को लेकर पार्टी नेताओं और मेप्पाड़ी ग्राम पंचायत के डेलिगेशन से मिले।
राहुल ने कहा- यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार और घरों को खो दिया है। आज मुझे वैसा ही महसूस हो रहा है, जैसा मेरे पिता के निधन के समय हुआ था। राहुल वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। अब प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ने वाली हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…
5 साल पहले भी लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुई थीं
वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।
वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है
वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है। वायनाड की 51% जमीन पर पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है।
वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है। वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।