जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस आज:कल पॉलिटिकल पार्टी के साथ मीटिंग की थी, दलों की मांग- जल्द चुनाव कराएं
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की टीम 2 दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर है। आज शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे इलेक्शन कमीशन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।
इससे पहले गुरुवार (8 अगस्त) को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार समेत 3 चुनाव आयुक्त ने रीजनल और नेशनल पार्टियों से मीटिंग की। इसमें सभी पार्टियों ने जल्द चुनाव कराने की मांग की। मीटिंग में नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के नेता पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर में 2014 में आखिरी बार विधानसभा चुनाव हुए थे। 2018 में भाजपा-पीडीपी सरकार गिरने के बाद से ही राज्य में राज्यपाल शासन है। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा भी जल्द वापस दिया जाए।
मीटिंग में सभी पार्टी नेता एकमत से बोले- राज्य में जल्द चुनाव हो
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा- उम्मीद है जल्द ही चुनाव कराने का प्रोसेस शुरू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा। चुनाव आयोग का दायित्व है कि वह सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय डेडलाइन (30 सितंबर) में चुनाव कराए, अगर उन्हें लगे कि कंडीशन 1996 से बेहतर है।
- PDP नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि पॉलिटिकल पार्टी चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग पर दबाव डालेंगे, लेकिन सिक्योरिटी एजेंसी और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर आशंकित हो सकते हैं।
- जम्मू-कश्मीर भाजपा नेता आरएस पठानिया ने कहा- हमने चुनाव आयोग से जल्द से जल्द चुनाव कराने को कहा। भाजपा चाहती है कि राज्य में चुनाव सुप्रीम कोर्ट की तय सीमा के भीतर हो।
- कांग्रेस नेता जीएन मोंगा ने कहा- जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र पनपना चाहिए और जल्द चुनाव होने चाहिए। हम खुद को लोकतंत्र की जननी कहते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग कई सालों से चुनाव के बिना रह रहे हैं।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता नासिर असलम वानी ने कहा- जम्मू-कश्मीर के लोग अब अपनी सरकार चाहते हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा कि आप यहां कई बार आए और हम आपसे मिले, लेकिन अब इस पर कोई निर्णय होना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, BJP-PDP का अलायंस टूटा था
5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया गया था। साथ ही राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। साथ ही स्पष्ट किया गया था कि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली और पुदुचेरी की तरह उपराज्यपाल का शासन होगा, लेकिन विधानसभा के तहत जनता मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी करेगी।
इससे पहले जम्मू- कश्मीर में 2014 में आखिरी बार चुनाव हुए थे। 2018 में BJP और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, क्योंकि BJP ने PDP से अलायंस तोड़ लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2023 में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि सितंबर, 2024 तक हर हाल में जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा लिए जाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 : जम्मू-कश्मीर में BJP को 2 सीट मिलीं, 2 नेशनल कांफ्रेंस के खाते में
जम्मू कश्मीर की 5 सीटों में से जम्मू और उधमपुर सीट BJP के खाते में गईं। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को यहां 2 सीटें मिलीं। बारामूला सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते।
मैप में समझिए जम्मू-कश्मीर के दो केन्द्र शासित प्रदेश बनने से पहले और बाद की स्थिति