राजासिंह ने अपने 26 घरवालों को मारा:कटे स्तन लेकर शरणार्थी शिविर पहुंचीं महिलाएं; 78वें स्वतंत्रता दिवस पर बंटवारे के किस्से, पार्ट-1
5 घंटे पहलेलेखक: अभिषेक गर्ग
14 अगस्त 1947 की शाम। अलग-अलग जगहों के 3 सीन…
- नई दिल्ली का वायसराय हाउसः लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना अमेरिकी एक्टर बॉब होप की फिल्म ‘माई फेवरेट ब्रूनेट’ देखने के लिए बैठते हैं।
- नई दिल्ली में रायसीना हिल का ग्राउंड फ्लोरः भारत की संविधान सभा की बैठक शुरू हो रही। नेहरू इंडिपेंडेंस डे स्पीच की तैयारी कर रहे हैं।
- पाकिस्तान के हिस्से का लाहौर रेलवे स्टेशनः सैकड़ों हिंदू और सिख प्लेटफॉर्म पर बैठकर भारत जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं।
14 अगस्त की रात गुजरते-गुजरते माउंटबेटन की फिल्म खत्म हुई, नेहरू का ऐतिहासिक भाषण पूरा हुआ, लेकिन लाहौर स्टेशन पर बैठे सैकड़ों लोग कभी भारत नहीं पहुंच सके। उस रात दंगाइयों ने कत्ल-ए-आम मचा दिया। बॉम्बे एक्सप्रेस लाहौर से निकली तो पटरी के दोनों तरफ दिख रहे गांवों से लपटें उठ रहीं थीं।
इतिहास के पन्नों में भारत-पाक बंटवारे जैसी त्रासदी की मिसाल बहुत कम मिलती है। इसी की याद में भारत सरकार हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाती है। दैनिक भास्कर भी बंटवारे से जुड़ी 3 स्टोरीज की सीरीज ला रहा है। मंडे मेगा स्टोरी में आज बंटवारे के सुने-अनसुने किस्से, जिनमें दर्द, बेबसी और क्रूरता की इंतेहा है…