बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर यूनुस ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे:कहा-लोकतंत्र में कोई हिंदू-मुस्लिम नहीं; हसीना के इस्तीफे के बाद 52 जिलों में हिंदुओं पर 205 हमले
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस मंगलवार को राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे। मंदिर पहुंचकर यूनुस ने बांग्लादेश पूजा-उदयापन परिषद और महानगर सर्वजन पूजा समिति के प्रमुख लोगों, मंदिर के मैनेजमेंट बोर्ड और भक्तों से मुलाकात की।
दरअसल बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं। बांग्लादेशी हिंदुओं पर बढ़ते हमलों की वजह से बांग्लादेश के अलावा भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भी प्रदर्शन हुए हैं।
ऐसे में मोहम्मद यूनुस का ये कदम हिंदू समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील के तौर पर देखा जा रहा है। लोगों से बातचीत के दौरान यूनुस ने कहा कि हम सभी एक है और सभी के लिए अधिकार समान है। यूनुस ने लोगों से पहले उन्हें काम करने का मौका देने और उसके बाद उसे जज करने की बात कही।
शेख हसीना को लेकर सुनवाई आज
बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं शेख हसीना पर एक दुकानदार की हत्या के आरोपों को लेकर आज सुनवाई होने वाली है। दरअसल, पिछले महीने 19 जुलाई को आरक्षण पर जारी हिंसा के बीच ढाका के मोहम्मदपुर में एक किराना दुकानदार अबु सईद की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गई थी। इसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और अन्य 6 लोगों को आरोपी बनाया गया।
बांग्ला अखबार द डेली स्टार के मुताबिक मोहम्मदपुर के रहने वाले आमिर हमजा शातिल ने ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में शेख हसीना और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। ये शिकायत कब दर्ज कराई गई इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
शेख हसीना के अलावा अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून, पूर्व डीबी प्रमुख हारुन रशीद, पूर्व डीएमपी आयुक्त हबीबुर रहमान और पूर्व डीएमपी संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार सरकार को भी आरोपी बनाया गया है।
शिकायतकर्ता का पीड़ित से कोई करीबी रिश्ता नहीं
शिकायत करने वाले शातिल ने बताया कि पीड़ित से उनका कोई करीबी रिश्ता नहीं था; लेकिन एक मासूम बांग्लादेशी नागरिक की मौत हुई है, इसके चलते उन्हें खुद अपनी इच्छा से मामला दर्ज कराया। शिकायत में शातिल ने बताया कि अबू सईद की हत्या उस समय हुई जब पुलिस आरक्षण विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां चला रही थी।
शातिल ने बताया कि पीड़ित के परिवार के सदस्य पंचगढ़ जिले के बोडा उपजिला में रहते हैं। वे पीड़ित की मौत के मामले में मामला दर्ज कराने में सक्षम नहीं हैं।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस मंगलवार को हिंदू समुदाय के लोगों से मिलने के लिए ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचे।
BSF जवान की गोली से एक बांग्लादेशी की मौत
बांग्लादेश बॉर्डर पर BSF की गोली से एक युवक की मौत हो गई। ये घटना सोमवार देर रात हुई। मारे गए तस्कर की पहचान बांग्लादेश के चपैनवाबगंज जिले के ऋषिपारा गांव के अब्दुल्ला के रूप में हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक BSF अधिकारियों ने कहा कि कुछ बदमाशों ने जवानों पर हमला किया था, जिसके बाद BSF कर्मियों को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। BSF दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिदेशक और प्रवक्ता एके आर्य ने कहा कि अंधेरे में जवान ने रात में देखने वाली दूरबीन (PNVB) से 5-6 लोगों को भारत से बांग्लादेश की ओर बढ़ते देखा। उनके पास हथियार थे।
जवान उन्हें रोकने आगे बढ़े ही थे कि बदमाशों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इसके बाद जवानों ने एक राउंड गोलीबारी की। इसके बाद भी वे आगे बढ़ते गए। इसके बाद एक जवान ने उन पर गोली चलाई जिसके बाद वे लौट गए।
बांग्लादेश में हसीना की सीक्रेट जेल ‘आईना घर’ अब खाली
जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेता मीर कासिम के बेटे बैरिस्टर अहमद ने 8 साल तक आईना घर में बर्बरता झेली। अहमद कहते हैं कि हर दिन लगता था कि जिंदगी का आखिरी दिन है। उन्हें बाहर की दुनिया के बारे में कुछ पता नहीं होता था।
छात्र आंदोलन के कुछ नेताओं को जब यहां पर लाया गया तो कुछ कानाफूसियों से पता चला कि सरकार के खिलाफ कुछ चल रहा है। 7 अगस्त को आईना घर में तेज-तेज आवाजों ने मुझे डरा दिया। पहले तो लगा कि यातनाएं देने वाले आ गए, फिर बताया गया कि जल्द ही यहां से आजादी मिल जाएगी।
पहले तो विश्वास नहीं हुआ फिर एक-एक कर कैदियों की रिहाई हो गई। मेडिकल जांच के बाद जब मैं रिहा होकर घर पहुंचा तो परिवार वालों को भरोसा ही नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूं।
सीक्रेट जेल में कैद रखे जाते थे विरोधी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व PM शेख हसीना के दौर के कुछ हैरान कर देने वाली कहानी सामने आ रही है। राजधानी ढाका की मीरपुर जेल में हसीना विरोधी नेताओं, अफसरों और पत्रकारों को ‘आईना घर’ नामक सीक्रेट जेल में ठूंसा जाता था।
आर्मी की इंटेलिजेंस विंग की देखरेख में चलने वाली इस जेल में 600 कैदी थे। 5 अगस्त को हसीना के देश छोड़ने के बाद 10 अगस्त तक जब इस जेल से कैदियों को रिहा किया गया तो वहां 100 ही कैदी थे। 500 कैदियों का कुछ अता-पता नहीं है।
विपक्षी दल BNP की छात्र इकाई छात्र दल के उपाध्यक्ष मोहम्मद अतीक ने सोमवार काे दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि आईना घर नरक के समान था। आईना घर की खौफनाक यादें आज भी दिल दहला देती हैं।
घंटों उल्टा लटकाया जाता, नाखून उखाड़े जाते
ढाका में मीरपुर में बने आईना घर में 20 फीट ऊंची दीवारों की घेराबंदी में कैदियों को रखा जाता था। हर काल कोठरी में तीन कैदी रखे जाते थे। यहां सूरज की रोशनी नहीं पड़ती थी। गोलाकर बनी काल कोठरियों के बीचोंबीच बड़े चबूतरे पर कैदियों काे ऐसी-ऐसी अमानवीय यातनाएं दी जाती थीं, जिनको बताया भी नहीं जा सकता है।
अतीक ने बताया कि प्लास से कैदियों के नाखून उखाड़े जाते थे। घंटों उल्टा लटकाया जाता था। छात्र आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए अतीक लगभग डेढ़ महीने तक कैद के बाद 8 अगस्त को रिहा हुए।
तख्ता पलट के बाद 9 अगस्त को आईना घर के इंचार्ज मेजर जनरल जिया उल अहसान को देश छोड़कर भागते समय ढाका एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। अहसान अब आर्मी की कस्टडी में हैं। पिछले 8 साल के दौरान आईना घर के इंचार्ज रहे अहसान का अब कोर्ट मार्शल किया जाएगा। आईना घर में कैदियों को बिना कोर्ट ऑर्डर लाया जाता था।
अमेरिका बोला- बांग्लादेश के तख्तापलट में हमारा हाथ नहीं
इस बीच अमेरिका ने बांग्लादेश में तख्तापलट के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव, कैरीन जीन पियरे ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इसमें अमेरिका की कोई संलिप्तता नहीं है। अमेरिका के बांग्लादेश हिंसा में शामिल होने की रिपोर्ट बस एक अफवाह है। पियरे ने कहा कि हम बांग्लादेश की निगरानी जारी रखेंगे। हमारे पास इससे ज्यादा कहने लायक कुछ नहीं है।
‘हसीना के भारत में रहने से रिश्तों पर असर नहीं’
बांग्लादेश सरकार के एक टॉप एडवाइजर ने कहा कि शेख हसीना के बांग्लादेश में रहने से भारत-बांग्लादेश संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विदेश मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि ढाका हमेशा नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश करेगा।
हुसैन ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के हित पर किसी एक इंसान से प्रभावित नहीं हो सकते। दोनों देशों के अपने-अपने हित हैं। पेशे से राजनयिक और पूर्व विदेश सचिव हुसैन ने इस बात की पुष्टि की कि बांग्लादेश अन्य देशों के साथ किए गए सभी समझौतों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
रविवार को विदेश मंत्रालय में अपनी पहली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हुसैन से हसीना को घर वापस लाने की संभावना के बारे में पूछा गया था। इस पर उन्होंने कहा कि ये मामला कानून मंत्रालय का है। इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते।
बांग्लादेश में भारतीय सेना की जीत का स्मारक तोड़ा, प्रदर्शनकारियों ने टुकड़े-टुकड़े किए, इसमें 1971 जंग में पाकिस्तान की हार दिखाई थी
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने 1971 की जंग से जुड़े राष्ट्रीय स्मारक को तोड़ दिया। मुजीबनगर में स्थित यह स्मारक भारत-मुक्तिवाहिनी सेना की जीत और पाकिस्तानी सेना की हार का प्रतीक था। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने हजारों सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था।
भारतीय सेना के ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने उन्होंने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। इस स्मारक में उसी की छवि को दर्शाया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…