प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकासशील देशों की फूड और एनर्जी सिक्योरिटी को लेकर दुनिया भर में चल रही अनिश्चितता पर चिंता जताई। ये बात पीएम मोदी ने शनिवार (17 अगस्त) को ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ’ समिट को संबोधित करते हुए कही।
ग्लोबल साउथ के इस इवेंट की मेजबानी भारत कर रहा है। पीएम ने समिट में शामिल देशों को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर समेत बाकी दूसरे प्रमुख क्षेत्रों में उन्हें पूरा समर्थन का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा- ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को आवाज दे रहे हैं, जिन्हें अनसुना किया गया।
मोदी ने विकास में भागीदार देशों की मदद के लिए ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत बिजनेस बढ़ाने वाली गतिविधियों के लिए 2.5 मिलियन डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपए) का स्पेशल फंड शुरू करेगा।
पीएम मोदी की स्पीच की बड़ी बातें…
- ग्लोबल साउथ की ताकत इसकी एकता में है। इसके बल पर हम एक नई दिशा की ओर बढ़ेंगे।
- हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जब चारों तरफ अनिश्चितता का माहौल है। दुनिया अभी भी कोविड के असर से पूरी तरह उबरी नहीं है। दूसरी ओर, युद्ध जैसे हालात ने हमारी विकास यात्रा में चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
- हम न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, बल्कि हेल्थ, फूड और एनर्जी सिक्योरिटी को लेकर भी हमारी चिंताएं बढ़ गई हैं।
- आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद समाज के लिए गंभीर खतरा बने हैं। टेक्नोलॉजी डिविजन और इससे जुड़ी नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां भी उभर रही हैं।
- पिछली सदी में बनाए गए ग्लोबल एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूटशन मौजूदा चुनौतियों का सामना करने में नाकाम रहे हैं। लेकिन ये समिट विकास के मुद्दों पर चर्चा करने का मंच बन गया है।
क्या है ग्लोबल साउथ?
2022 में जब भारत में G20 समिट हुआ, तब G20 को नया ढांचा देने के लिए ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ शुरू हुआ। भारत ने ग्लोबल साउथ की उम्मीदों, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर G20 एजेंडा तैयार किया था।
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS) की दूसरी समिट का आयोजन 15 नवंबर 2023 को हुआ था। पहली समिट12-13 जनवरी 2023 को वर्चुअली हुई थी। इस अनूठी पहल के तहत ग्लोबल साउथ के 125 देश शामिल हुए थे।
ग्लोबल साउथ 100 से ज्यादा देशों का समूह है। दुनिया को आर्थिक और सामाजिक आधार पर 2 हिस्सों में बंटा हुआ माना जाता है। पहला- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ। ग्लोबल नार्थ में दुनिया के विकसित और औद्योगिक विकास वाले देश जैसे अमेरिका, इंग्लैंड, जापान शामिल हैं।