अयोध्या में बैम्बू लाइटें चोरी होने का सच:कंपनी ने 2600 लाइटें लगाकर 6400 का पेमेंट लिया, जांच हुई तो चोरी की FIR कराई
अयोध्या में राम मंदिर तक जाने वाले रामपथ और भक्तिपथ के किनारे लगी 3800 बैम्बू लाइट और 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरी हो गई। 14 अगस्त को खबर सामने आई तो देशभर में चर्चा हुई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा- अयोध्या में चोरों ने कानून-व्यवस्था की बत्ती गुल कर दी है।
भास्कर इस मामले की सच्चाई जानने अयोध्या पहुंचा। वहां अधिकारियों से बात की। बैम्बू लाइटों को दिन और रात में देखा। इन्हें लगाने वाली कंपनी के अधिकारियों से बात की। ग्राउंड पर क्या कुछ निकल कर आया इस रिपोर्ट में पढ़िए-
हमने 5 पॉइंट पर पूरे मामले काे देखा
- क्या कंपनी ने लाइटें कम लगाईं, पेमेंट पूरा ले लिया?
- अयोध्या विकास प्राधिकरण ने क्या बिना सत्यापन के ही पेमेंट किया।
- मई में ही लाइट चोरी की बात सामने आई तो FIR में देरी क्यों हुई?
- पुलिस की जांच क्या कहती है?
- जहां लाइटें लगी हैं, वहां के लोग क्या कहते हैं?
कंपनी ने सिर्फ 2600 लाइट लगाई, भुगतान 6400 का लिया
इस पूरे मामले को जानने के लिए पहले हमने अयोध्या विकास प्राधिकरण से संपर्क किया। वजह, टेंडर से लेकर सब कुछ यहीं से तय हुआ था। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी पांडेय ने कहा- कंपनी के दावे में सच्चाई नहीं है। हम लोगों ने अपने स्तर पर सत्यापन करवाया। कंपनी की तरफ से सिर्फ 2600 लाइटें ही लगाई गईं। इसके लिए उन्हें 23 लाख 35 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट के लिए कुल 38 लाख 74 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।
अश्वनी पांडेय कहते हैं, कई बार मीटिंग में कंपनी के लोगों से बात हुई। लाइट संबंधी कागज मांगे गए, लेकिन दिए नहीं। कितनी लाइटें लगाईं इसकी भी जानकारी मांगी, लेकिन कंपनी ने उपलब्ध नहीं कराई। इसके बाद से कंपनी मई महीने से चोरी का बहाना करने लगी। थाने में शिकायत दर्ज कराने की भी कोशिश की। ऑनलाइन FIR दर्ज करवाई गई है। यह FIR पूरी तरह से झूठी है। कंपनी के खिलाफ हमने भी शिकायत दी है, केस दर्ज करवाया जाएगा।
इस पूरे मामले पर अयोध्या के मंडलायुक्त और डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रमुख गौरव दयाल कहते हैं, कंपनी के ठेकेदारों ने सरकार के साथ धोखा किया है। वह जितनी लाइट लगाने का दावा कर रहे हैं, उतनी उन्होंने लगाई नहीं। अब तय किया गया है कि कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया जाएगा।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस समारोह को भव्य बनाने के लिए पूरी अयोध्या को सजाया गया। इसी सजावट में पेड़ों पर लटकने वाली बैम्बू लाइट और पोल पर लगने वाली प्रोजेक्टर लाइट का ठेका अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मेसर्स यश इंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स को दिया।
कंपनी ने राम मंदिर जाने वाले राम पथ और हनुमान गढ़ी तक जाने वाले भक्ति पथ के किनारे लगे पेड़ों पर लाइटें लगाईं। शाम होते ही इनसे अयोध्या नगरी जगमग हो जाती थी। राम भक्तों को यह मनमोहक लगता था। कंपनी ने विकास प्राधिकरण को बताया कि उसने कुल 6400 बैम्बू लाइट और 96 गोबो प्रोजेक्टर लगाए हैं। कंपनी को पांच साल तक इसकी देखरेख करनी थी। इसका अलग से भुगतान होना था।
कंपनी ने FIR दर्ज कराई और कहा- 3800 लाइटें चोरी हो गईं
13 अगस्त को कंपनी की तरफ से शेखर शर्मा ने एक FIR दर्ज करवाई। शिकायत में कहा- मैं यश इंटरप्राइजेज एवं कृष्णा ऑटोमोबाइल का प्रतिनिधि हूं। हमारी फर्म ने राम पथ के पेड़ों पर 6400 बैम्बू लाइट एवं भक्तिपथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई थी। 19 अप्रैल तक सभी लाइटें थीं, लेकिन 9 मई को निरीक्षण करने पर पता चला कि कुछ लाइटें कम हो गईं हैं।
शेखर ने अपनी FIR में 3800 बैम्बू लाइट और 36 गोबो प्रोजेक्टर चोरी होने की बात कही। उन्होंने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया। साथ ही प्रशासन से अपील की कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
थानाध्यक्ष बोले- मामला संदिग्ध
FIR की सूचना पर हम राम जन्मभूमि थाने पहुंचे। हमें यहां थाना प्रभारी देवेंद्र पांडेय मिले। हमने उनसे पूरे मामले के बारे में पूछा। वह कहते हैं, कंपनी की तरफ से एक व्यक्ति आए थे लेकिन उनकी शिकायत ही संदिग्ध लग रही थी। रामपथ-भक्तिपथ पर लाइट चोरी करने की बात पर यकीन करना कठिन था। हमने FIR नहीं लिखी। अब पता चल रहा कि यूपी कॉप पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई गई है।
शिकायत में कंपनी की तरफ से कहा गया कि 9 मई को लाइट चोरी होने की जानकारी थी। इसलिए हमने थाने में पूछा कि क्या इसके पहले भी कंपनी की तरफ से कोई शिकायत आई थी? इस सवाल पर पुलिसवालों ने कुछ भी नहीं कहा। राम जन्मभूमि थाने के प्रभारी देवेंद्र पांडेय ने कहा- हमारे थाने का एरिया सिर्फ दो किलोमीटर का है, लाइट तो बहुत सारे इलाके में लगी हैं। ऐसे में हम इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं बता पाएंगे। बड़े अधिकारी ही इस मामले बता सकते हैं।
कंपनी कुछ बोलने को तैयार नहीं
हमने इस सिलसिले में यश इंटरप्राइजेज के शेखर शर्मा से संपर्क किया। शेखर मूल रूप से हरियाणा के हिसार से हैं। अयोध्या में वह सिविल लाइन के हौशिलानगर में रहते हैं। शेखर ने कहा- हम आपको 10 मिनट में फोन करते हैं। फोन नहीं आया। इसके बाद हमने उनसे 2 बार संपर्क करने की कोशिश की, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। खबर लिखे जाने तक शेखर शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया।
3800 एक्स्ट्रा लाइट का लिया पेमेंट
टेंडर के मुताबिक कंपनी ने प्रति बैम्बू लाइट प्राधिकरण से करीब 365 रुपए लिया। प्रशासन ने सत्यापन के बाद कहा कि कंपनी ने सिर्फ 2600 लाइट ही लगाईं। ऐसे में यह माना जा रहा कि कंपनी ने 3800 एक्स्ट्रा लाइट दिखाकर करीब 14 लाख रुपए फर्जी तरीके से ले लिए। कंपनी को प्राधिकरण कुल 23 लाख 35 हजार का भुगतान कर चुका है।
कहीं भी जलती नजर नहीं आई लाइट
दैनिक भास्कर की टीम रात तक अयोध्या में ही डटी रही। हम यह देखना चाहते थे कि जो लाइटें लगी हैं उनकी स्थिति क्या है? रात में हम राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के पास करीब 5 लोकेशन पर गए, कहीं भी लाइट जलते हुए नहीं दिखी। जबकि इन सबकी टोकरी उसी पेड़ पर टंगी हुई थी। कंपनी ने 2600 लगाई थी। बहुत सारे में बल्ब ही नहीं लगा था, किसी का तार निकला दिखा, क्योंकि क्वालिटी घटिया थी।
लोगों ने कहा- शुरुआत में ही जली थी
हम हनुमान गढ़ी के पास राजेश पांडेय से मिले। राजेश की दुकान के सामने एक पेड़ पर करीब 20 बैम्बू लाइट लगी हैं। वह कहते हैं कि शुरुआत में जली थी, लेकिन बाद में बंद हो गईं। हमने पूछा कि क्या चोरी हो गईं? तो उन्होंने कहा- यहां कौन चोरी करेगा। बंदरों की वजह से कुछ नुकसान हो सकता है। बाकी देखरेख के अभाव में खराब हुई हैं।
यहीं के शुभम कहते हैं कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के चलते यहां लाइटें लगाई गई थीं, लेकिन उस दिन भी यहां नहीं जली। चोरी वाली बात में कोई दम नहीं है। आखिर पेड़ पर चढ़कर कौन लाइट चुराएगा। कुछ बंदरों ने नुकसान किया कुछ अपने आप खराब हो गईं। एक डोलची मेरे सामने गिरी थी, वह यहीं रखी है।
ज्योतिषी बद्री नारायण कहते हैं कि यहां लाइट प्रोजेक्टर लगाया गया है, वह कभी कभार जलता है और कभी जलता भी नहीं। पेड़ वाला तो जब से लगा, तब से कभी नहीं जला। अयोध्या में बंदर तो हैं ही, वह एक-एक लाइट निकालकर यहीं सड़क पर फेंक देते थे। आप खुद सोचिए कोई इसे यहां से क्यों ले जाएगा। यहां जलेगी तो सबको ही अच्छा लगेगा।
अयोध्या की छवि खराब करने की कोशिश
कई ऐसे लोग भी मिले जो कहते हैं कि जब से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई है तब से तमाम लोग अयोध्या की छवि को खराब करना चाहते हैं। इसलिए अयोध्या के लोगों पर ऐसे-ऐसे आरोप लगाते हैं। कोई लाइट क्यों चुराएगा। कंपनी ने जो लगाई वह तो जली ही नहीं।