दिल्ली हाईकोर्ट ने लंदन में मौजूद इंडियन हाई कमीशन को NOC जारी करने का निर्देश दिया है। मामला भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक अल्फी रिचर्ड वाट्स की मौत का है। भारत में रहने वाला अल्फी का परिवार उसका शव भारत लाने के लिए गुहार लगा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश में कहा है कि भारतीय हाई कमीशन अल्फी के शव को भारत लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करे। 29 जुलाई 2024 को भारतीय कमीशन ने NOC जारी करने से मना किया था। कमीशन का कहना था कि अल्फी ब्रिटिश नागरिक था। उसके पास ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड भी नहीं था।
कमीशन के इस स्टेटमेंट के बाद अल्फी के पिता ने रिपैट्रिएशन प्रोसेस (शव को एक देश से दूसरे देश लाने) के लिए हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि यूके में स्थानीय सांसद, काउंटी काउंसलर और अन्य अधिकारी पूरी प्रोसेस में मदद कर रहे हैं, लेकिन हाई कमीशन के NOC ना देने के कारण रिपैट्रिएशन नहीं हो पा रहा है।
पिता ने कहा- तय प्रोसेस नहीं, शव रिपैट्रिएशन में मुश्किलें
- दुनिया भर में भारतीय राजनयिकों के दिशा-निर्देशों में समानता न होने से ऐसा मनमाना व्यवहार किया जाता है। मृतक की राष्ट्रीयता या OCI कार्ड जैसे दस्तावेजों के आधार पर कांसुलर सर्विस (दूतावास द्वारा विदेश में रहने वाले या यात्रा करने वाले अपने नागरिकों को दी जाने वाली सर्विस) अलग-अलग नहीं होनी चाहिए।
- सिंगापुर और USA की तुलना में UK के भारतीय हाई कमीशन के अलग-अलग दिशा-निर्देश, कांसुलर सर्विस के बारे में चिंता पैदा करते हैं। ऐसे संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए प्रक्रिया निश्चित करने की जरूरत है।
- लंदन में भारतीय हाई कमीशन शव भारत लाने के लिए OCI कार्ड मांगता है, जबकि अन्य भारतीय आयोग ऐसा नहीं करते। नियमों में भिन्नता इनके इस्तेमाल में मनमानी का संकेत देती है।