मंगलवार को पायलट बाबा के नाम से मशहूर महायोगी कपिल अद्वैत सामनाथ गिरी ने अंतिम सांस ली। वे किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के धीरूभाई कोकिला बेन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। बाबा के देहांत से सासाराम स्थित पायलट बाबा धाम आश्रम और भक्तों में शोक की लहर है। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार भी बाबा से आशीर्वाद ले चुके हैं।
जमीन के नीचे होती थी समाधि
पायलट बाबा का जन्म रोहतास जिले के बिशनपुरा गांव में 1938 में हुआ था। वे चंद्रमा सिंह और तपेश्वरी देवी के बेटे थे। योग विद्या में सिद्धस्थ थे। वे लंबे समय तक समाधि या मुत्यु जैसी शारीरिक अवस्था में प्रवेश करने के लिए जाने जाते थे। उनकी समाधि हमेशा जमीन के नीचे होती थी।
जापान और यूरोप में भी आश्रम
महायोगी पायलट बाबा के भारत के साथ-साथ जापान और यूरोप में आश्रम हैं। भारत में उनके सासाराम, हरिद्वार, नैनीताल और उत्तरकाशी जैसे जगहों पर आश्रम हैं। बाबा ने आधा दर्जन पुस्तकें लिखी है। इसमें ‘कैलाश मानसरोवर’, ‘ज्ञान के मोती’, ‘हिमालय के रहस्यों को जानें’, ‘अंतर्यात्रा’, ‘आप से स्वयं तक की तीर्थयात्रा’ और ‘हिमालय कह रहा है’ आदि शामिल हैं।