पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 29 अगस्त तक रोक:HC बोला था- निचली अदालत आरोपों में उलझी; UPSC-दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था
दिल्ली हाईकोर्ट में आज बुधवार (21 अगस्त) को पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने 29 अगस्त तक पूजा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इससे पहले सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और UPSC को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
सुनवाई में जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि निचली अदालत पूजा पर लगे आरोपों में उलझ गई और याचिका पर सही ढंग से विचार नहीं किया। दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा को राहत देने से इनकार कर दिया था।
लोअर कोर्ट ने कहा था कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ होनी जरूरी है। इसके बाद पूजा ने 8 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। 2023 बैच की ट्रेनी IAS अफसर रहीं पूजा पर UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी।
लोअर कोर्ट बोला था- तैयारी के साथ साजिश की गई
पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त की सुनवाई में कहा था कि यह मामला केवल एक छोटा सा हिस्सा है। पूरी साजिश का पता लगाने और इसमें शामिल लोगों की जांच करने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ होनी जरूरी है।
सेशन जज देवेंद्र कुमार जंगाला ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि पता लगाएं क्या UPSC के किसी अंदरूनी व्यक्ति ने भी खेडकर की मदद की थी। हालांकि, पूजा ने अपने बचाव में कहा था कि उन्हें फंसाया गया है। वे मीडिया ट्रायल तथा विच-हंट का शिकार हुई हैं।
इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि यह तर्क टिकने योग्य नहीं है। रिकॉर्ड में पर्याप्त सबूत हैं। पूरी तैयारी के साथ साजिश की गई। कई साल में इसे अंजाम दिया। यह अकेले, किसी बाहरी या अंदरूनी व्यक्ति की मदद के बिना संभव नहीं था।
गलत जानकारी देकर परीक्षा देने का आरोप
पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए UPSC CSE-2022 परीक्षा में शामिल होने के लिए खुद से जुड़ी गलत जानकारी दी थी।
पूजा पर उनकी उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। UPSC ने अपनी जांच में उन्हें दोषी पाया। इसके बाद 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया गया। साथ ही, UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लगा दी।
UPSC पूजा की धोखाधड़ी पहचानने में चूका
पूजा खेडकर केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए। यह मामला एकमात्र था।
पूजा ने कई बार अपना नाम और माता-पिता का नाम बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने में लग गया है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।