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कौन हैं आरजी कर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ करने वाले:लोकल क्लब में मिले, ग्रुप में हॉस्पिटल पहुंचे, दो आरोपियों का TMC से कनेक्शन

ग्राउंड रिपोर्ट

कौन हैं आरजी कर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ करने वाले:लोकल क्लब में मिले, ग्रुप में हॉस्पिटल पहुंचे, दो आरोपियों का TMC से कनेक्शन

कोलकाता4 घंटे पहलेलेखक: शिवांगी सक्सेना

तारीख: 14 अगस्त समय: रात करीब 10:30 बजे जगह: 

डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले को लेकर शहर में जगह-जगह ‘वी वांट जस्टिस’ के पोस्टर लगे थे। ये पोस्टर किसने लगाए, कोई नहीं जानता। BJP और DYFI यानी डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट ऑफ इंडिया दोनों के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़ रहे थे। मेडिकल कॉलेज के बाहर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे।

इधर, आरजी कर मेडिकल कॉलेज का फीमेल स्टाफ भी रात 11 बजे हॉस्पिटल से रैली निकालने वाला था। स्टाफ इकट्ठा भी हो गया, लेकिन हॉस्पिटल के बाहर खड़ी भीड़ रास्ता नहीं दे रही थी। कुछ देर बाद भीड़ हिंसक हो गई और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश करने लगी। यहां 40 से 50 पुलिसवाले भी मौजूद थे, लेकिन भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल था।

डॉक्टर्स ने भी भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन रात करीब 12:30 बजे उपद्रवियों ने बैरिकेड गिरा दिए और हॉस्पिटल में घुस गए। डॉक्टरों से धक्कामुक्की करने लगे। इसके बाद सीधे इमरजेंसी बिल्डिंग की ओर चले गए। हिंसक भीड़ ने वार्ड में रखे दवाइयों के रैक गिरा दिए। कॉलेज के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। ये सब कई घंटे चलता रहा।

इस तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने उपद्रव में शामिल लोगों की 76 फोटो जारी कीं। आरोपियों की पहचान की गई और 30 लोगों को अरेस्ट किया गया। सवाल ये है कि 14 अगस्त की रात जो हुआ, क्या वो प्री-प्लांड था, प्रदर्शन में शामिल लोग कहां से आए थे, क्या उनका आपस में कोई कनेक्शन है, हॉस्पिटल में तोड़फोड़ करने के पीछे मकसद क्या था।

कोलकाता में डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले को लेकर जगह-जगह ‘वी वांट जस्टिस’ के पोस्टर लगे थे।

इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर अरेस्ट किए गए 10 लोगों के घर पहुंचा और उनके परिवारों से बात की। इस पड़ताल में ये 4 बातें सामने आईं:

1. अरेस्ट किए गए लोग बुरतला, बेलघरिया, उल्टाडांगा, मनिकतला और दम दम इलाके से हैं। ज्यादातर लोग झुग्गी-बस्ती के रहने वाले हैं।

2. सभी के घर 5 किलोमीटर के दायरे में ही हैं। कोई भी अकेला नहीं गया था। सभी ग्रुप में गए थे।

3. सभी रात 10:30 से 11 बजे तक मोहल्ले के लोकल क्लब में मिले। वहां से आरजी कर हॉस्पिटल गए। हर एरिया में ऐसे क्लब हैं। ममता सरकार हर साल दुर्गा पूजा पर इन कम्युनिटी क्लब को 85 हजार रुपए देती है।

4. घटना के बाद सभी आरोपी करीब एक ही वक्त पर रात 2:30 से 3 बजे के बीच अपने-अपने घर पहुंचे।

तस्वीर 14 अगस्त की है, जब आरजी कर अस्पताल में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने तोड़फोड़ की थी।

अब जानते हैं आरजी कर हॉस्पिटल में तोड़फोड़-हिंसा करने वाले आरोपी कौन हैं…

आरोपी: जब्बार अंसारी
घर: बेलगुरिया, कोलकाता

बेलगुरिया एरिया मेडिकल कॉलेज के सामने ही है। यहां के 40 साल के जब्बार अंसारी को पुलिस ने आरोपी बनाया है। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान की एक फोटो जारी की है, जिसमें जब्बार इमरजेंसी बिल्डिंग के अंदर लोगों को गाइड करता दिख रहा है। पुलिस ने उसे घटना के दो दिन बाद 17 अगस्त को गिरफ्तार किया। इससे पहले पुलिस तीन बार जब्बार के घर गई थी।

जब्बार के घर हम उसकी 20 साल की बेटी से मिले, जो विक्टोरिया कॉलेज से ‌BA की पढ़ाई कर रही है। वो बताती है, ‘मेरे अब्बू स्टेशन पर काम करते हैं। स्टेशन आरजी कर हॉस्पिटल के सामने है। वे रेहड़ी-पटरी पर कपड़ों की दुकान लगाते हैं।’

‘रोज रात को 12 बजे तक घर लौटते हैं। 14 अगस्त को आरजी कर हॉस्पिटल पर प्रदर्शन के कारण भीड़ जुटी थी। उसे देखने के लिए वे वहीं रुक गए। रात करीब ढाई-तीन बजे लौटे थे।’

ये जब्बार के घर की तस्वीर है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन उसके भाई की इलाके में अच्छी पकड़ है। पड़ोसी बताते हैं कि वे TMC के लिए काम करते हैं।

जब्बार की बेटी आगे बताती हैं, ‘जिस दिन तोड़फोड़ हुई, उसके बाद 3 बार पुलिस हमारे घर आई, लेकिन अब्बू घर पर नहीं मिले। वे काम के लिए स्टेशन गए थे। पुलिस 16 अगस्त को उन्हें पकड़कर ले गई।’

पुलिस की ओर से जारी किए गए फोटो को लेकर जब्बार की बेटी कहती हैं, ‘अब्बू इमरजेंसी बिल्डिंग से बाहर निकलने का इशारा दे रहे थे। पुलिस इसकी ठीक से जांच करे। पुलिस तो कह रही है कि जब तक असली गुनहगार सरेंडर नहीं करते, वे अब्बू को नहीं छोड़ेंगे।’

आरोपी: रूमा दास
घर: बीके मैत्रा रोड, बड़ानगर, कोलकाता

27 साल की रूमा दास एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी। कुछ महीने से पिता बीमार थे, तो उनकी देखभाल के लिए नौकरी छोड़ दी। पांच महीने पहले रूमा के पिता का निधन हो गया था।

घर पर हमें रूमा की मां तोती दास मिलीं। वे बताती हैं, ‘रूमा प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने गई थी। वो रात में ही मोहल्ले के क्लब गई थी। वहीं से सबको साथ जाना था, लेकिन रूमा हमें सिथिल मोड़ बताकर गई थी। वो आरजी कर हॉस्पिटल नहीं गई थी। उस रात रूमा घर भी नहीं आई। उसने कॉल करके कहा कि अपने दोस्त के घर रुकेगी। मुझे लगता है कि वो डर गई थी।’

रूमा की मां आगे कहती हैं, ‘पुलिस ने 16 अगस्त को मेरी बेटी को गिरफ्तार कर लिया। कहा है कि 7 दिन से पहले रूमा को नहीं छोड़ेंगे।’

आरोपी: शांतनु सरकार
घर: आरएन टैगोर रोड, कोलकाता

25 साल के शांतनु के घर फिलहाल ताला लगा है। 19 अगस्त को परिवार घर बंद कर कहीं चला गया। हमने शांतनु के पिता बिद्युत सरकार से फोन पर बात की।

वे कहते हैं, ‘मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया है। वो प्रोटेस्ट में गया था। रात को 11 से 11:30 बजे के बीच बाहर गया था। वो अकेला ही निकला था। पुलिस उसे पकड़ने आई, तब वो घर पर मोबाइल में तोड़फोड़ के वीडियो देख रहा था। पुलिस ने पूछा- क्या तुम प्रोटेस्ट में गए थे। शांतनु ने हां में जवाब दिया। इसके बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई।’

आरजी कर हॉस्पिटल में तोड़फोड़ के आरोपी शांतनु का घर बंद मिला। परिवार 19 अगस्त को घर बंद कर कहीं चला गया।

आरोपी: नवीन सिंह लाल
घर: बेलगछिया रोड, कोलकाता

21 साल के नवीन का परिवार UP के बलिया का रहने वाला है। आरजी कर हॉस्पिटल के पास ही बेलगछिया में हम उसके घर पहुंचे तो वो बंद मिला। नवीन के पिता ड्राइवर हैं। नवीन पास में ही एक कपड़े की दुकान में काम करता है।

पड़ोसी गुड्डू लाल दास बताते हैं, ‘परिवार बलिया चला गया है। पुलिस नवीन को खोजते हुए 16 अगस्त को उसके घर पहुंची थी, लेकिन वो नहीं मिला। पुलिस ने पिता को बताया कि नवीन प्रोटेस्ट में शामिल हुआ था। उसका नाम हिंसा में सामने आया है। उसे सरेंडर करवाइए। फैमिली ने अगले दिन नवीन को सरेंडर करवा दिया।’

गुड्डू लाल आगे बताते हैं, ‘प्रोटेस्ट में दूर-दूर से लोग आए हुए थे। हमारी गली के बाहर क्लब है। वहां सब इकट्ठा हुए थे। इनमें 15 से 20 साल के लड़के-लड़कियां थे। हिंसा हुई तो सब भागे और एक-दूसरे से अलग हो गए।’

गुड्डू कहते हैं, ‘पुलिस पहले दिन नवीन को पकड़ने आई, तो मुझे बताया कि उसकी कोई गलती नहीं है। मारते हुए उसकी कोई तस्वीर या वीडियो नहीं है। हमने पार्षद देविका चक्रवर्ती से बात की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि हालात बहुत गंभीर हैं। हम भी कुछ नहीं कर सकते।’

आरोपी: रोहित बारुई
लोकेशन: दम दम रोड, कोलकाता

इसके बाद हम रोहित बरुई के घर पहुंचे। उसका परिवार छोटी सी झुग्गी में रहता है। 24 साल का रोहित ई-रिक्शा चलाता था। उसकी मां काली बारुई कहती हैं, ‘मेरे बेटे को 15 अगस्त की रात पुलिस सड़क से ही उठाकर ले गई। रातभर जब वो घर नहीं आया तो मैं मिसिंग रिपोर्ट लिखवाने गई।’

आरोपी: तुशी हलदार
घर: उमाकांत लेन, कोलकाता

19 साल की तुशी हलदार भी हॉस्पिटल में तोड़फोड़ और हंगामे की आरोपी हैं। परिवार कोलकाता की उमाकांत लेन पर रहता है। घर में हमें उनकी मां विशाखा हलदार मिलीं। वे बताती हैं, ‘हम दोनों रात को 10:30 बजे मोमबत्ती लेकर घर से निकले थे। पड़ोस की 8-10 लड़कियां और थीं। सब साथ गए थे। एकदम से रात 12 बजे हंगामा शुरू हो गया। मैं और तुशी अलग हो गए।’

विशाखा कहती हैं, ‘रात के 2 बजे तक मैं उसे ढूंढती रही। फिर तुशी ने सामने ब्रिज से मुझे आवाज दी। तब हम दोनों घर वापस आए। जब वो मेरे पास आई, तब उसके पास सिर्फ एक शंख था। मेरी बेटी का जो भी वीडियो सामने आया है, उसमें वो सिर्फ यही बोल रही है कि हमें आंदोलन चाहिए।’

आरोपी: सौमिक दास
घर: मैदान पल्ली, नागेरबाजार, कोलकाता

जब हम मामले के एक और आरोपी सौमिक दास के घर पहुंचे, तो उनके गेट पर भी ताला लगा मिला। 24 साल के सौमिक पेशे से जिम इंस्ट्रक्टर हैं और TMC के लोकल कार्यकर्ता भी हैं। अपनी गिरफ्तारी से ठीक पहले दास ने एक बंगाली न्यूज चैनल पर माना था कि 14 अगस्त की रात वो हिंसा की जगह पर थे।

उसने कहा था, ‘मैंने गलती की है और मुझे इस बात का पछतावा है। हम सभी श्यामबाजार से गए। मेरे जिम के भी कई लोग वहां गए थे।’

आरोपी: शुभदीप कुंडू
घर: मुरारीपुकुर, कोलकाता

पुलिस ने इस मामले में तीन दोस्तों को भी आरोपी बनाया है। इनमें सौरव और सौम्यदीप बचपन के दोस्त हैं। जबकि 22 साल के शुभदीप से उनकी मुलाकात क्लब में हुई। सभी रेगुलर क्लब में मिला करते थे। शुभदीप कुंडू कोलकाता के मुररिपुकुर में रहते हैं।

शुभदीप कुंडू की मौसी शोभा चक्रवर्ती बताती हैं, ‘मैं, शुभदीप और उसकी मां सब प्रोटेस्ट में शामिल होने गए थे। हालांकि शुभदीप पहले निकल गया था। हम सब अलग-अलग समय आरजी कर हॉस्पिटल पहुंचे। हंगामा शुरू हुआ, तब मैंने देखा कि शुभदीप बैरिकेड के उस पार गिर गया। मैं और उसकी मां पहले ही घर आ गए थे। तब तक ज्यादा हंगामा नहीं हुआ था’

आरोपी: सौरव डे
घर: मुरारीपुकुर, कोलकाता

पुलिस ने घटना का जो वीडियो जारी किया है, उसमें 23 साल के सौरव डे को देखा जा सकता है। वो बैरिकेड पर चढ़ा हुआ है और अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है। सौरव उन्हीं लोगों के साथ खड़ा है, जिन्हें तोड़फोड़ करते देखा गया। सौरव डे के घर पर हमारी मुलाकात उसकी बहन पियाली से हुई।

पियाली बताती हैं, ‘शुभदीप, सौरव और सौम्यदीप तीनों मेरे घर के पास में ही क्लब में उठा-बैठा करते थे। रोज वहीं उनका मिलना होता था। 14 अगस्त को शुभदीप ने सौरव से प्रोटेस्ट में चलने के लिए पूछा था। तभी तीनों का प्रोटेस्ट में जाने का प्लान बना। उनके साथ और कितने लोग गए, ये मुझे नहीं मालूम।’

वे आगे बताती हैं, ‘सौरव, शुभदीप और सौम्यदीप के साथ रात को 11 बजे निकला था। फिर रात 2 बजे घर लौटा। सौरव को पुलिस 16 अगस्त की शाम 7:30 बजे उठाकर ले गई। पुलिस एक वीडियो से फोटो निकालकर बोल रही है कि उस पर तोड़फोड़ का आरोप है।’

‘पुलिस ने कहा कि वो सौरव को पूछताछ के लिए ले जा रही है। बाद में छोड़ देगी। पहले उसे मनिकतला पुलिस स्टेशन ले गए। फिर वहां से लाल बाजार ले गए। सौरव तो केवल मोबाइल से फोटो या वीडियो ले रहा है। वो कोई तोड़फोड़ नहीं कर रहा।’

वे आगे कहती हैं, ‘सौरव बहुत छोटा है। उसने पढाई छोड़ दी। उसे फुटबॉल खेलना पसंद है। वो गली में फुटबॉल खेलता है। मां दूसरों के घरों का काम करती हैं। पिता सियालदाह फुटपाथ पर दुकान लगाते हैं। उसका बड़ा भाई पेस्टिसाइड का काम करता है। सौरव उसकी मदद करता है।’

आरोपी: सौम्यदीप महिष
घर: मुरारीपुकुर, कोलकाता

सौम्यदीप का घर सौरव के घर के सामने ही है। वो फूड डिलीवरी का काम करता था। पिता बीमार हैं, इसलिए घर पर ही रहते हैं। मां छोटा-मोटा काम करके कुछ पैसा कमा लेती हैं। सौम्यदीप की मां राखी महिष बताती हैं, ‘तीनों दोस्त रात को साथ प्रोटेस्ट देखने के लिए आरजी कर हॉस्पिटल गए थे। वो पहले क्लब पर मिले, फिर वहीं से गए।’

‘फोटो में तीनों दोस्त बैरिकेड पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। तीनों अभी उम्र में बहुत छोटे हैं। उन्हें नहीं पता था कि बैरिकेड पर चढ़ना गलत होगा। वे लोग सिर्फ फोटो और वीडियो ले रहे थे। तीनों बेकसूर हैं। 16 अगस्त को पुलिस हमारे घर आई और बोली कि सौम्यदीप को पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं।’

सौम्यदीप के पिता गोपाल महिष कहते हैं, ‘हमने पार्षद से हमारी मदद करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।’

चश्मदीद बोले- भीड़ में DYFI के लोग भी शामिल थे
एक लोकल जर्नलिस्ट बताते हैं कि उस दिन DYFI के लोग भी भीड़ में शामिल थे। भीड़ तीन तरफ काशीपुर, बेलगाचिया और श्याम बाजार से आरजी कर हॉस्पिटल आ रही थी। उस दौरान DYFI के झंडे दिख रहे थे, लेकिन वहां पहुंचते ही लोगों ने झंडे फेंक दिए।

करीब 12.45 बजे भीड़ अंदर घुस आई। उस समय वहां कोई पुलिस नहीं थी। सिर्फ इमरजेंसी बिल्डिंग में 20 से 25 पुलिसवाले थे। DYFI के लोग पहले दिन से कॉलेज के सामने प्रदर्शन कर रहे थे।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ के मामले में कोलकाता पुलिस ने शनिवार को डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया की पश्चिम बंगाल सचिव मीनाक्षी मुखर्जी और CPI (M) के 6 लीडर्स को तलब किया है।

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